
हैरत की बात तो यह है कि इस सेवा के अन्य पदों में अपर संचालक, संयुक्त संचालकों की नियुक्ति के बाद दो बार पदोन्नति भी की जा चुकी है। अब एईओ की भर्ती परीक्षा देने वाले 50 हजार परीक्षार्थी जिन्होंने 600 रूपए प्रतिव्यक्ति के हिसाब से परीक्षा देने में खर्च किए थे वे अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे है।
जबकि स्कूल शिक्षा विभाग अब नए सिरे से एईओ भर्ती परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। इस बार पदों की संख्या घटाकर 2660 कर दी गई है। गौरतलब है कि एईओ की भर्ती राज्य शिक्षा सेवा के लिए महत्वपूर्ण व्यवस्था थी और इन्ही पदों के लिए राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया गया था।