जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर में एक महिला ने अपने मायके से पंचायत बुलवाई और फैसला करवा दिया। पति को घर के बाहर एक पेड़ से बांध दिया गया। पत्नी रोज उसमें 2 चांटे मारती थी। पति लगातार 4 दिन तक पेड़ से बंधा रहा। किसी ने उसकी मदद नहीं की क्योंकि पंचायत का फैसला था कि जो भी मदद करेगा उसे समाज से निकाल दिया जाएगा। किसी जागरुक ग्रामीण ने यह खबर मीडिया तक पहुंचाई। मामला सुर्खियों में आया तो पुलिस सक्रिय हुई और बंधक बनाए गए पति को मुक्त कराया।
घटना जैसलमेर के पोकरण में भणियाणा उपखंड मुख्यालय के पास खींवसर गांव की है। यहां रहने वाले धन्नाराम का पत्नी गंगा से उसकी बूढ़ी मां की सेवा को लेकर विवाद चल रहा था। धन्नाराम बुजर्ग मां को साथ रखना चाहता है। जबकि उसकी पत्नी ऐसा नहीं चाहती। इसे लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। इसी बात को लेकर चार दिन पहले कुछ कहासुनी हुई तो पत्नी ने अपने मायके बुड़किया, देचू के पंचों और कुछ स्थानीय पंचों को बुला लिया।
पंचों ने धन्नाराम को सात दिन तक कड़ी धूप में बांधकर उसी की पत्नी को बोल दिया कि रोज दो चांटे मारना, अपने आप सुधर जाएगा। तब से धन्नाराम पेड़ से बंधा हुआ था। उसकी 70 वर्षीय मां पेड़ के नीचे बंधे अपने बेटे को खाना खिलाती और उसकी देखभाल करती रही। पंचों ने पड़ोसियों को भी कह दिया कि जब तक हमारा हुक्म नहीं होगा तब तक इसको कोई नहीं खोलेगा। अगर कोई उनके पास जाएगा तो उनको समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। धन्नाराम की पत्नी गंगा का कहना है कि मेरे पति और सास अक्सर मेरे साथ गाली गलौज करते रहते थे। मेरा पति कभी पत्थर भी मार दिया करता था, तब मैंने पीहर बुड़किया से यहां के लोगों की मदद से उसे पेड़ से बंधवा दिया।