नई दिल्ली। दिल्ली सरकार से हटाए गए कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने गवाही दी कि उनके सामने केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन से 2 करोड़ रुपए लिए। पूछा तो चुप रहे और फिर मुझे कैबिनेट से हटा दिया। कपिल ने कहा कि मेरे खिलाफ आज तक कोई आरोप नहीं है। मेरे काम की सभी ने तारीफ की है परंतु भ्रष्टाचार के मामले में मैं समझौता नहीं कर सकता था। इससे पहले कि मैं कोई कदम उठाता मुझे हटा दिया गया। कपिल ने ऐलान किया कि वो केजरीवाल को जेल भिजवाकर रहेंगे।
कपिल मिश्रा ने कहा कि शुक्रवार को मैंने अरविंद केजरीवाल जी के घर देखा कि सत्येंद्र जैन ने अरविंद केजरीवाल को 2 करोड़ नकद रुपए दिए। मैंने जब पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। कपिल मिश्रा ने पूछा कि आप बताएं कि वो पैसा कहां से आया। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सत्येंद्र जैन के बारे में कई जानकारियां हैं। सत्येंद्र जैन ने मुझे बताया कि अरविंद केजरीवाल के किसी रिश्तेदार के लिए उन्होंने 50 करोड़ की जमीन की डील कराई। सत्येंद्र जैन को केजरीवाल जी क्यों बचा रहे हैं।
पार्टी नहीं छोड़ूंगा
राजघाट से कपिल मिश्रा ने बोला, 'आम आदमी पार्टी मेरी पार्टी है, कार्यकर्ताओं की पार्टी है। मैं पार्टी न ही छोड़ूंगा और न कोई मुझे इस पार्टी से निकाल सकता। इसके बाद उन्होंने कहा कि पूरी कैबिनेट का अकेला ऐसा मंत्री जिस पर भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं। दो साल से मेरे ऊपर एक भी भ्रष्टाचार का का मामला नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पानी के मुद्दे पर हमेशा तारीफ की। मिश्रा ने कहा कि मेरे बयान के बाद मुझे मंत्रीपद से हटाया गया।
एलजी को दी जानकारी
कपिल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पैसों के लेन देन की जानकारी उप राज्यपाल को दी है। मिश्रा ने कहा कि वो एसीबी और सीबीआई को भी इस बारे में बताएंगे। इससे पहले कपिल मिश्रा ने उप राज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने उसे अवैध कैश लेते देखा है और ये सारी चीजें उपराज्यपाल को बता दी हैं। चुप रहना असंभव था। कुर्सी क्या प्राण भी जाए तो जाए।
बीजेपी ने मांगा इस्तीफा
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कपिल मिश्रा के खुलासे के बाद सीधे केजरीवाल पर निशाना साधा। मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है। साथ ही केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की।