नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने शपथग्रहण समारोह से लेकर आज तक करीब आधी दुनिया घूम चुके हैं परंतु उनकी हवाई यात्राओं का किराया अभी भी बाकी है। हालात यह हैं कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति महोदय और अन्य वीवीआईपी की हवाई यात्राओं का किराया भी नहीं चुकाया है। RTI के जरिए सामने आई जानकारी के मुताबिक, पेमेंट के लिए एविएशन मिनिस्ट्री ने संंबंधित अथॉरिटीज को 3 साल में 31 लेटर लिखे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की हवाई यात्राओं का 46 करोड़ रुपए बकाया है।
बकाया रकम में स्पेशल मिशन और विदेशी मेहमानों के लिए दिए गए चार्टर्ड प्लेन्स का खर्च शामिल है। एक्टिविस्ट लोकेश बत्रा ने एविएशन मिनिस्ट्री से RTI से यह जानकारी हासिल की। आरटीआई के मुताबिक, प्रेसिडेंट के विदेश दौरों के करीब 28 करोड़, वाइस प्रेसिडेंट के 352 करोड़, पीएम के 46 करोड़, स्पेशल मिशन के 14 करोड़ और विदेशी मेहमानों के 11 करोड़ रुपए का पेमेंट एअर इंडिया को किया जाना है।
इसमें प्रधानमंत्री के दौरों से जुड़ा बिल होम मिनिस्ट्री और बाकी सर्विसेज के लिए विदेश मंत्रालय एयरलाइन्स को बिल पेमेंट करती है। यूएस, कतर और सूडान जैसे देशों में भारतीयों की मदद के लिए भेजे गए एयरक्रॉफ्ट से बिल भी बकाया है।
सरकार के दावों के उलट, कैग की रिपोर्ट
सरकार के दावों के मुताबिक, साल 2015-16 में एअर इंडिया को 105 करोड़ का फायदा हुआ, लेकिन कैग की रिपोर्ट के आंकड़े एकदम उलट हैं। इसके मुताबिक एयरलाइन्स 321 करोड़ के घाटे में रही थी। बता दें कि एअर इंडिया के पास तीन बोइंग 747-400 एयरक्राफ्ट हैं। जिन्हें VVIPs के विदेश दौरों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर इन्हें स्पेशल मिशन और विदेशी मेहमानों के लिए भी लगाया जाता है।
लेटर में लिखा- कैश की किल्लत है
अप्रैल 2016, में एविएशन मिनिस्ट्री के ज्वाइंट सेक्रेटरी सत्येंद्र मिश्रा नरेंद्र मोदी के दौरों पर खर्च 46 करोड़ के पेमेंट के लिए होम मिनिस्ट्री को लेटर लिख चुके हैं। VVIP दौरों के लिए इसी तरह का लेटर विदेश मंत्रालय को भी लिखा गया। इसमें कहा गया था कि एअर इंडिया कैश की किल्लत से जूझ रही है और ऐसे हालात में जरूरतों को पूरा करने में काफी दिक्कत आ रही है। हम गुजारिश करते हैं कि कृपया मसले पर ध्यान दिया जाए। जितनी जल्दी हो सके, बकाया रकम का पेमेंट करा दिया जाए। दिसंबर 2015, में अशोक गजपति राजू ने भी वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखे लेटर में बताया कि एयर इंडिया प्रॉफिट के लिए काम नहीं करता है। इन दिनों कैश की किल्लत से जूझ रहा है। इसलिए ड्यूज क्लियर करने के लिए संबंधित मंत्रालयों को फंड जारी किया जाए।