शिमला। चुनावी साल में वीरभद्र सिंह सरकार कर्मचारियों पर खासी मेहरबान है। मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने न केवल अनुबंध कर्मियों को नियमितिकरण का तोहफा दिया, बल्कि कई विभागों में सैंकड़ों नई नौकरियों का पिटारा भी खोला है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय शिमला में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में कई फैसले लिए गए। सबसे बड़े फैसले में अनुबंध कर्मियों को नियमित करने का फैसला शुमार है। प्रदेश में 31 मार्च 2017 तक अनुबंध सेवाकाल के तीन साल पूरा करने वाले कर्मचारी नियमित हो जाएंगे।
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के मौके पर घोषणा की थी। उस घोषणा पर कैबिनेट ने आज मुहर लगाई। सरकार ने ग्राम पंचायतों के चौकीदारों की ग्रांट-इन-एड में भी बढ़ोतरी की है। अब ग्राम पंचायत चौकीदारों को 2050 रुपए की बजाय 2350 रुपए माहवार मिलेंगे। इससे 3226 पंचायत चौकीदारों को लाभ मिलेगा।
इसके अलावा आंगनवाड़ी कर्मियों के माहवार मानदेय को भी 450 रुपए से बढ़ाकर 1450 रुपए किया गया है। आंगनवाड़ी सहायिका को भी अब 300 रुपए की जगह 600 रुपए महीना मानदेय मिलेगा। आठ साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पार्ट टाइम कर्मियों को दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के तौर पर तैनात किया जाएगा।
अनुबंध महिला कर्मियों को मैटरनिटी लीव का तोहफा
राज्य सरकार ने अनुबंध कर्मियों को भी कई तरह के तोहफों का ऐलान किया है। खास बात ये है कि अनुबंध पर तैनात महिला कर्मियों को मैटरनिटी लीव की सुविधा दी जाएगी। जिस महिला कर्मचारी के दो या दो से कम बच्चे होंगे, उन्हें जरूरत पर 135 दिन की मैटरनिटी लीव मिलेगी। साथ ही उस महिला कर्मचारी को भी 45 दिन की मैटरनिटी लीव मिलेगी, जिसके पहले से दो से अधिक बच्चे होंगे।
इसके अलावा एक महीना का सेवाकाल पूरा करने पर अनुबंध कर्मचारी कैलेंडर इयर में एक कैजुअल लीव, दस मेडिकल लीव व पांच दिन के विशेष अवकाश के हकदार होंगे। सरकार ने रोगी कल्याण समितियों के तहत सेवारत पैरामेडिकल स्टॉफ को भी चार साल की सेवा के बाद सरकारी अनुबंध कर्मियों की श्रेणी में लाने का फैसला लिया है। पहले ये अवधि आठ साल की थी। मेडिकल ऑफिसर्स को उनकी मांग के अनुसार 4-9-14 का स्केल मिलेगा। बड़ी घोषणा ये भी की गई कि हिमाचल में अगले साल से डॉक्टर्स की नियुक्ति नियमित आधार पर होगी।