नई दिल्ली। भाजपा पर अक्सर आरोप लगते हैं कि वो मुस्लिम विरोधी है। यूपी चुनाव में भाजपा ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा। इससे भाजपा के मुसलमान नेता भी नाराज थे परंतु महाराष्ट्र के मालेगांव नगरनिगम में होने जा रहे चुनावों में भाजपा ने सोशल इंजीयिरिंग का उदाहरण पेश किया है। यहां 84 सीटों में से घोषित 77 प्रत्याशियों की लिस्ट में 45 प्रत्याशी मुसलमान हैं। याने 35% प्रतिशत टिकट मुसलमानों को बांट दिए गए हैं। देश में भाजपा की ओर से अधिकतम मुसलमान प्रत्याशी उतारने का यह रिकार्ड है। सूत्रों के अनुसार, इससे ऐसा प्रतीत हो रहा कि अल्पसंख्यक शहरों में भाजपा अपने 'मोदी लहर' की जांच कर रहा है।
मालेगांव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और इसने 73 उम्मीदवार यहां उतारे हैं इसके बाद एनसीपी-जनता दल (सेक्युलर)के 66 उम्मीदवार हैं। हैदराबाद के असादुद्दीन ओवैसी की अध्यक्षता वाली ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलिमीन पहली बार मालेगांव में चुनाव लड़ रही है और इसके 32 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसके अलावा शिवसेना के 25 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछले मालेगांव चुनाव (2012) में 24 भाजपा उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए थे लेकिन सभी को हार का मुंह देखना पड़ा था।
उत्तर प्रदेश चुनाव में उठे थे सवाल
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दी थी। इसे लेकर पार्टी की जमकर किरकिरी हुई थी। यहां तक की मोदी सरकार के दो केंद्रीय मंत्री भी पार्टी पर सवाल खड़ा किए थे। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा था कि भाजपा ने यूपी चुनाव में किसी मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारकर 'बड़ी भूल' की। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अगर मुसलमानों को टिकट दिया होता तो अच्छा होता।
उमा भारती ने कहा था कि मुझे सच में इस बात का दुख है कि हम किसी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतार सके। उमा भारती की टिप्पणी पर हालांकि उनकी ही पार्टी के विनय कटियार ने सवाल उठाए थे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा था कि जब मुसलमान हमारे लिए वोट ही नहीं करते तो हम उन्हें टिकट क्यों दें।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी कहा था कि भाजपा समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है और राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर समुदाय का पूरा ध्यान रखा जाएगा। नकवी ने कहा कि एनडीए सरकार के प्रदर्शन को इस आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए कि उसने मुसलमानों को टिकट की पेशकश नहीं की। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि भाजपा समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। हमने केंद्र में सभी के सहयोग से सरकार बनाई। यूपी चुनाव में भाजपा भले ही मुसलमानों को टिकट नहीं दी थी लेकिन योगी कैबिनेट में उनको जरूर स्थान दिया गया है।
एमसीडी चुनाव में हार गए थे भाजपा के सभी मुस्लिम उम्मीदवार
भाजपा ने इस बार दिल्ली नगर निगम चुनाव में पांच मुसलमानों को टिकट दिया था। लेकिन उसके पांचों मुस्लिम उम्मीदवारों को अपने-अपने वार्ड में हार का सामना करना पड़ा। कुरैश नगर की भाजपा उम्मीदवार रूबीना बेगम को छोड़कर पार्टी के बाकी चारों उम्मीदवार बड़े अंतर से तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा ने एमसीडी चुनावों में छह मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनमें से एक का नामांकन दिल्ली राज्य निर्वाचन आयोग ने बाद में रद्द कर दिया था।