आनंद ताम्रकार/बालाघाट। कलेक्टर श्री भरत यादव द्वारा कस्टम मिलिंग प्रक्रिया से बनाये जा रहे चावल की गुणवत्ता में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ही मानक स्तर का चावल प्रदाय करने के निर्देशों के बावजूद आपूर्ति निगम के स्थानीय अमले एवं राईस मिलर्स की सांठगांठ से अत्याधिक ब्रोकन मिश्रित चावल दिया जा रहा है। इसका खुलासा कल क्षेत्रीय कार्यलय नागरिक आपूर्ति निगम जबलपुर के गुणवत्ता निरीक्षक शिवशंकर सोंलकी द्वारा मांझापूर,नेवरगांव,कोसमी के गोदामों रखे गये चावल के स्टाक का औचक निरीक्षण किया तो उसमें निर्धारित मापदण्डों के विपरित अधिक ब्रोकन मिश्रित चावल पाया गया।
निरीक्षण के दौरान 39580 बोरियों में अमानक स्तर का चावल पाया गया जिसे अमान्य करते हुये अपग्रेड करने के निर्देश दिये गये है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार मॉं दुर्गा राईस मिल गर्रा 3240, रूमी ट्रेडर्स गर्रा 1620, कमलादेवी राईस मिल गर्रा 1620, बालाजी फु्रडस गर्रा 2160, अग्रवाल परवाईलिंग कटंगी 1240, मॉं यशोदा राईस मिल 2700, श्रीजी राईस मिल नेवरगांव 2160, राम परबाइलिंग उधोग कोसमी 4730, भगत राईस मिल गर्रा 2160, हर्ष राईस मिल गर्रा 540, अम्बाजी सिल्की सारटेक्स कटंगी3240, सुरभि राईस मिल गर्रा 3780, आनंद परबाइलिंग कटंगी 2160, सौरभ इंडस्टीज गर्रा 1620, के सी राईस मिल बेहरई 2700, जानकी राईस मिल 540, शिवशक्ति राईस मिलस गर्रा 2700, विजय राईस मिल कोसमी 1080 इस तरह 39580 बोरा चावल रिजेक्शन की श्रेणी में आ चूका है।
बालाघाट जिले में कमीशनबाजी के चलते मिलर्स और आपूर्ति निगम के अधिकारी अमानक स्तर का चांवल खरीदकर सरकार को चूना लगा रहे है जिसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को पीडीएस के माध्यम से वितरित किये जाने वाला अमानक चांवल खरीदना पडेगा। इन विसंगतियों के चलते जिले में कुपोषण के मामले निरंतर बढते ही जा रहे है।