आनंद ताम्रकार/बालाघाट। बहु को दहेज के लिये मारपीट करने तथा उस पर जलते हुये चिराग से मिट्टी का तेल उडेलकर जिंदा जलाकर मार डालने का प्रयास करने के आरोप में एक ही परिवार के 6 सदस्यों को 15 वर्ष के सश्रम कारावास सजा सुनाई गई। वारासिवनी की अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमति नोरिन निगम ने कल यह फैसला सुनाते हुये यह अभिमत व्यक्त किया है कि वर्तमान में समाज में इस तरह की घटनाओं की बढोत्तरी को देखते हुये न्यायालय द्वारा आरोपियों के प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाना उचित नही समझा गया इस लिये कठोर दण्ड की सजा सुनाई गई।
घटनाक्रम के अनुसार 3 जून 2016 को तिरोडी में दोपहर समय में घर के भीतर ही प्रार्थी सोमकला बाई मेश्राम अपने पति,सास-ससुर, जेठ-जेठानी तथा ननद के उपर जलते हुये चिराग से मिट्टी का तेल डालकर उसे जिंदा जलाने और मार डालने का आरोप लगाया है। उसके इस आरोप की पुष्टि मृत्यु पूर्व दिये गये बयान द्वारा की गई जो उसने नायबतहसीलदार बालाघाट को दिये थे।
प्रार्थी सोमकला बाई मेश्राम का विवाह 2013 में मिरगपूर में हुआ था तभी से उसके ससुराल वाले दहेज की मांग करते हुये उसके साथ मारपीट कर उसे प्रताडित करते थे। घटना दिनांक को पति ने उसके साथ मारपीट की अन्य आरोपियों ने उसको पकड कर रखा था। वह चिखी और चिल्लाई भी थी लेकिन किसी ने उसे बचाने की कोशिश नही की इसी तरह उसने गुंड में रखे पानी से आग बुझाई आग लगने के कारण उसका हाथ सीना,पेट का हिस्सा गंभीर रूप से जल गया था।
कटंगी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया प्राथमिक उपचार पश्चात उसे जिला अस्पताल बालाघाट भेज दिया गया उपचार के बाद 15 दिन पश्चात उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और वह बच गई। मामले में सभी अभियोजन साक्षीयों के साक्ष्य का विश्लेषण किया गया जिसमें अपराध सिद्ध होने पर माननीय न्यायाधीश ने मध्यप्रदेश शासन विरूद्ध चन्द्रकिशोर आत्मज युवराज 31 साल, युवराज वल्द मूलचंद मेश्राम 62 साल, बूनेश वल्द युवराज 34 साल,श्रीमति निर्मला पति युवराज 52 साल, सीमा आत्मजा युवराज 22 साल, ज्योति पति बुनेश 30 साल, को भादवि की धारा 307,149 के तहत 15साल के सश्रम कारावास और 5000 हजार रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।