इंदौर। बीएएलएलबी की परीक्षा नहीं करवाने के चलते मंगलवार को छात्र सुनवाई में एक विद्यार्थी के पिता कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ पर भड़क गए। दोनों के बीच जमकर बहस हुई। तैश में आए पिता ने बच्चे का भविष्य बिगड़ने पर धमकी तक दे डाली और कहा कि भिंड से आया हूं। पूरी छह-छह सीने में उतरा दूंगा। जवाब में कुलपति ने भी कहा कि मैंने वहां कई साल नौकरी की है। बाद में प्रभारी रजिस्ट्रार वीके सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी, परीक्षा विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्ज्वल खरे और डीएसडब्ल्यू डॉ. एलके त्रिपाठी ने समझाने की कोशिश की।
मामला गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से जुड़ा है। जहां बीएएलएलबी कोर्स को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने मान्यता नहीं दी है। बावजूद इसके वहां की प्राचार्य सुधा सुद्रास ने विद्यार्थियों को एडमिशन दे दिया, जिसमें अब तक यूनिवर्सिटी ने नामांकन नहीं किया है। बीसीआई की मान्यता नहीं होने से परीक्षा नहीं हुई है। इसके चलते विद्यार्थी के पिता ने यूनिवर्सिटी में अधिकारियों से बदतमीजी की।
कुलपति और अधिकारियों ने कहा कि एडमिशन से यूनिवर्सिटी का कोई लेना-देना नहीं है। यह काम उच्च शिक्षा विभाग का है। इस मामले में विभाग से शिकायत करें। बाद में अधिकारियों ने ही अतिरिक्त संचालक का पता भी लिखकर दिया। हंगामे के चलते पुलिस जवान भी आ गए। आखिर में पिता को छात्र सुनवाई कक्ष से बाहर किया गया।
नहीं आएगा दोबारा रिजल्ट
बीएएमएस थर्ड ईयर के विद्यार्थियों ने लिखित आवेदन दिया। विद्यार्थियों का कहना था कि थर्ड ईयर की परीक्षा में एक प्रश्न पत्र में दो सवाल बाहर से पूछे गए हैं। मामले में यूनिवर्सिटी ने भी ऑउट ऑफ सिलेबस की बात मानी थी। कमेटी ने इसमें इन प्रश्नों के अंक हटाकर मूल्यांकन करने के निर्देश दिए थे। मगर यूनिवर्सिटी ने सामान्य प्रक्रिया से रिजल्ट निकाल दिया है। इसके चलते कई विद्यार्थी फेल हो चुके हैं। जबाव में परीक्षा नियंत्रक डॉ. तिवारी ने कहा कि इसमें रिजल्ट जारी नहीं होगा। नंबरों में जो बदलाव हुआ है वह सीधे मार्कशीट में होगा।
नहीं मिलेगी फीस
बीडीएस थर्ड ईयर के विद्यार्थियों का कहना है कि महीनों से अटका रिव्यू रिजल्ट दो दिन पहले जारी हुआ है। यूनिवर्सिटी ने रिव्यू रिजल्ट घोषित होने के पहले ही एटीकेटी परीक्षा करवा ली थी। उस दौरान विद्यार्थियों से कहा कि रिव्यू रिजल्ट में उत्तीर्ण होने पर परीक्षा शुल्क वापस किया जाएगा। मामले में परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि चूंकि परीक्षा हो चुकी है। अब शुल्क लौटाने का कोई नियम नहीं है। जो विद्यार्थी रिव्यू में पास हो चुके हैं उनका एटीकेटी का रिजल्ट नहीं आएगा।
पिता : संभाग का कुलपति क्यों बनाया है?
कुलपति : परीक्षा के लिए।
पिता : फिर परीक्षा क्यों नहीं ली?
कुलपति : कोर्स को मान्यता नहीं थी, इसलिए परीक्षा नहीं करवाई।
पिताः एडमिशन गलत हुए तो ध्यान देना चाहिए था।
कुलपतिः यह हमारा काम नहीं है।
पिताः फिर किसका काम है?
कुलपति : शासन का।
पिता : प्राइवेट की बजाए यह गलती गवर्नमेंट कॉलेज ने की है? अब भरोसा किस पर करें।
अधिकारी : कोर्स को बार काउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता नहीं है। परीक्षा नहीं करवाई जा सकती है।
पिता : मेरे बच्चे का भविष्य मत खराब करो।
कुलपति : बच्चों से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है।
पिता : अगर ऐसा हुआ तो पूरी छह -छह सीने में उतरा दूंगा।
(बाद में छोटी ग्वालटोली से पुलिस को बुलाया गया। छात्र के पिता को समझाया)