मप्र में 7वां वेतनमान के लिए मसौदा मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश के साढ़े पांच लाख से ज्यादा नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से वेतन देने बनाए नियमों के मसौदे को मंजूरी के लिए वित्त विभाग ने कैबिनेट भेज दिया है। जुलाई का वेतन नए वेतनमान के हिसाब से देने की घोषणा सरकार बजट में कर चुकी है। इसके लिए प्रत्येक कर्मचारी के वेतन की गणना अलग से होगी। इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए विभाग ने सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया है। नए वेतन में 13.5 प्रतिशत से लेकर 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी होगी।

सातवें वेतनमान के हिसाब से वेतन तय करने के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें कैबिनेट से मंजूरी के लिए वित्त विभाग ने प्रस्तावित नियमों को मुख्य सचिव कार्यालय को भेज दिया है। जुलाई का वेतन नए वेतनमान के हिसाब से बनना है, इसलिए संभावना जताई जा रही है कि मई में ही सरकार नियमों को मंजूरी देगी।

छत्तीसगढ़ ने भी सातवां वेतनमान देने के नियमों को मंजूरी दे दी है। वहां भी जुलाई का वेतन नए वेतनमान के हिसाब से मिलेगा। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि साढ़े पांच लाख से ज्यादा कर्मचारियों का वेतनमान तय करने में काफी समय लगेगा, क्योंकि जो गणना होगी उससे कर्मचारी का सहमत होना जरूरी है। हर कर्मचारी से संबंधित विभाग सहमति पत्र लेंगे।

2.57 का लगेगा फॉर्मूला
सूत्रों का कहना है कि जो भी नया वेतनमान तय होगा, उसमें मौजूदा 132 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मर्ज कर दिया जाएगा। इसके ऊपर केंद्र ने कर्मचारियों को जो दो-दो करके चार प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है, उस पर निर्णय लिया जाएगा। इसी तरह मूल वेतन में 2.57 का फॉर्मूला लगाया जाएगा। इसका मतलब ये हुआ कि मौजूदा मूलवेतन में 2.57 का गुणा कर वेतनमान फिक्स किया जाएगा। इस बार ग्रेड पे की व्यवस्था नहीं होगी। बताया जा रहा है कि एक अधिकारी या कर्मचारी के वेतन में साढ़े 13 से लेकर 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

एरियर का होगा फैसला
कर्मचारियों का एक जनवरी 2016 से नया वेतनमान सरकार देगी। जून 2017 यानी 18 माह का एरियर भी दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि वित्त विभाग एरियर की राशि पांच समान किस्तों में नकद देने के पक्ष में है। इस पर करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपए का भार खजाने पर आएगा। इसको लेकर भी सरकार को फैसला करना है, क्योंकि एक मत यह भी है कि इस राशि को जीपीएफ में जमा करा दिया जाए।

पेंशनरों का अटकेगा मामला
सूत्रों का कहना है कि सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन तय करने का मामला अटक सकता है। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक पेंशनरों की पेंशन सातवें वेतनमान के हिसाब से देने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। नियमानुसार जब तक छत्तीसगढ़ की सहमति नहीं मिल जाती है तब तक प्रदेश सरकार चाहकर भी कोई फैसला नहीं कर सकती है।

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