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सेना में पिछले साल दिसंबर में भर्ती हुए 23 वर्षीय लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की पहली छुट्टी ही उनकी आखिरी छुट्टी साबित हुई। जिस रिश्तेदार की शादी में खुशी का इजहार करने पहुंचे थे उन्हीं बारातियों को उनके जनाजे में आना पड़ा। उनके जनाजे में शामिल होने वाले रिश्तेदारों को अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि फैयाज अब इस दुनिया में नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि सेना के 2 राजपूताना राइफल्स में तैनात फैयाज छुट्टी लेकर ममेरी बहन की शादी में कुलगाम गए थे। लेकिन आतंकियों ने मंगलवार की रात अपहरण कर फयाज की हत्या कर दी और उनका शव घर से करीब तीन किलोमीटर दूर मिला, जिसपर गोलियों के निशान थे।
परिवार ने बताया कि फैयाज का जन्म 8 जून 1994 को हुआ था और उन्होंने दक्षिण कश्मीर के अशमुकाम में मौजूद नवोदय विद्यालय से स्कूली पढ़ाई की थी और दिसंबर 2016 में कमीशन मिलने के बाद सेना में शामिल हुए थे। वह प्रतिष्ठित पुणे स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के 129वें बैच के कैडेट थे। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सेना में भर्ती होने के बाद फयाज ने पहली बार छुट्टी ली थी। उन्हें 25 मई को जम्मू के अखनूर स्थित यूनिट को ज्वॉइन करना था।
आखिरी दम तक लड़े
लेफ्टिनेंट फैयाज के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनके शरीर पर कई निशान है, जो संकेत करता है कि उन्होंने आतंकियों से पूरी बहादुरी से मुकाबला किया। रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने करीब से फयाज के सिर, पेट और छाती में गोली मारी।
दो नाकबपोश ले गए थे साथ
स्थानीय लोगों ने बताया कि मंगलवार रात करीत दस बजे दो नकाबपोश आए थे और निहत्थे फैयाज को साथ आने को कहा। इसके साथ ही परिवार को धमकी दी थी कि अपहरण की जानकारी पुलिस को नहीं दें।
स्थानीय लोगों में गुस्सा
लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या को लेकर पूरे इलाके में गुस्से का माहौल है। स्थानीय लोगों ने पुलिस और सेना से मांग की है कि वह दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दिलाए।
पूरे सैनिक सम्मान के सुपुर्द-ए-खाक किया गया
दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान के लिये जिम्मेदार विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर इन कमांड मेजर जनरल बी एस राजू ने अपनी सभी इकाइयों को आसपास के इलाकों में हत्यारों की तलाश के लिये अभियान शुरू करने को कहा है. सैन्य अधिकारी के शव को पूरे सैनिक सम्मान के सुपुर्द-ए-खाक किया गया और इसमें उसके गांव के कुछ लोग भी शामिल हुये. रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने अपहरण और हत्या को कायरता का ‘नृशंस कृत्य’ करार दिया. जेटली ने अपने ट्वीट में कहा, ‘जम्मू कश्मीर का यह युवा अधिकारी एक प्रेरणास्त्रोत था.’