
प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा शिक्षक हैं। अभी तक ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जिससे विभाग यह जान सके कि कौन-सा शिक्षक कब, कहां तैनात रहा, उसका पिछला रिकार्ड क्या है। जबकि आधार कार्ड नंबर दर्ज होने के बाद शिक्षकों की पहचान आसान हो जाएगी। अभी तक शिक्षक की पंजिका मैनुअल बनती आई है। अब इसे ऑनलाइन करने की योजना है। इससे पहले मानव संसाधन मंत्रलय ने विद्यार्थियों के आधार कार्ड नंबर को भी अनिवार्य कर दिया है और इसे मिड डे मील के वितरण से जोड़ दिया है।
कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले उतने ही विद्यार्थियों को मिड डे मील दिया जाएगा जितनों के आधार कार्ड नंबर पंजीकृत होंगे। छात्रों की संख्या को लेकर अभी तक हेरफेर होता रहा है। पंजीकृत विद्यार्थियों और मिड डे मील खाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी एक समान नहीं है। आधार कार्ड अनिवार्य करने के बाद से फर्जी नामांकन पर रोक लगेगी वहीं एक ही छात्र के कई स्कूलों में पंजीकृत होने पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। बेसिक शिक्षा विभाग 30 जून तक अभियान चला कर विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनवाने के आदेश दे चुका है।