होशंगाबाद। पीएम आवास योजना में 13 अजीबोगरीब शर्तों से अपात्र हुए हितग्राहियों को पात्र करने के लिए एसीएस राधेश्याम जुलानिया ने अफसरों को नया फरमान दिया है। पिछले दिनों हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में उन्होंने निर्देश दिए कि फ्रिज या बाइक के कारण अपात्र हो रहे हितग्राहियों की बाइक या फ्रिज बिकवाकर उन्हें योजना का लाभ दिलाएं। वीसी में भारी तनाव में बैठे अफसर भी एसीएस का यह नया फरमान सुनकर चौंक गए। उन्हें तब और आश्चर्य हुआ जब एसीएस ने अमले को यह अधिकार दिया कि फोर व्हीलर और पक्के मकान वाली शर्त को छोड़कर बाकी अन्य शर्तों में हितग्राही की स्थिति को देखकर स्वविवेक से फैसला लें।
यदि हितग्राही गरीब है और जरूरतमंद है, पर नियमों के पेंच में उलझ रहा है तो रास्ता निकालकर उसे योजना का लाभ दिलवाएं। एसीएस जुलानिया ने ही 23 मार्च की वीसी में 13 अजीबोगरीब शर्तें जोड़कर पीएम आवास योजना की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया था, जिससे योजना के लिए पात्र पाए गए अधिकांश हितग्राही अपात्र हो गए थे। योजना की शर्तों को लेकर एसीएस के इस हदय परिवर्तन को लेकर मैदानी अफसरों का कहना है कि 13 शर्तों के कारण बढ़ी संख्या में चयनित हितग्राही अपात्र की श्रेणी में आ रहे थे और उनके गुस्से के कारण सरकार पर लगातार राजनैतिक दबाव बढ़ रहा था।
इस तरह शर्तों को किया शिथिल
1.जिनके पास बाइक है या फ्रिज है उसका बेचानामा करवाकर योजना का लाभ दिलवाएं।
2. जिनके पास दस एकड़ जमीन है, उन्हें घर के चार सदस्यों के अलग-अलग हिस्से में दर्शाकर पात्र करें।
3. केसीसी की वजह से जो अपात्र हो रहे हैं, उन्हें भी पात्र करें। क्योंकि प्राइवेट बैंक किसी को भी केसीसी दे देती है।
4. सिंचाई यंत्र जैसी शर्त में अधिकारी हितग्राही का मूल्यांकन करने के बाद स्वविवेक से लाभ दे सकते हैं।
वीसी में इस तरह अपने तेवर भी दिखाए
1.खरगोन जिले के बीस दिन पहले ज्वाइन करने वाले एक जनपद सीईओ को घर चले जाने का आदेश सुना दिया यह सुनकर उक्त सीईओ ने हाथ जोड़े तो उससे कहा कि शाम तक सोचकर बता देना कि नौकरी कर पाओगे कि नहीं ?
2. मनरेगा की समीक्षा में भिंड के एक जनपद सीईओ जानकारी प्रस्तुत नहीं कर पाए और कहा कि उन्होंने यह जानकारी जिला पंचायत के बाबू को दे दी थी, इस पर एसीएस ने उसकी ही लापरवाही मानते हुए दो इंक्रीमेंट रोकने और एससीएन जारी करने के आदेश दिए।
3.दमोह, सतना, रतलाम, रीवा, खरगोन, अलीराजपुर सिवनी और बालाघाट जिले में पीएम आवास योजना में प्रगति बेहद लचर होने पर इन्हें डेंजर जोन में रखा गया है और इन्हीं जिले के जनपद सीईओ की जमकर खिंचाई की और 7 को तो निलंबित करने के आदेश भी दिए थे।
अपात्रों को पात्र बनाने शर्तों को शिथिल किया
जिन शर्तों के कारण वास्तविक गरीब अपात्र हो सकता था, उनमें कुछ शिथिलता बरतने और उसे योजना का लाभ दिलवाने के लिए तरीके बताए गए थे। जब कोई बड़ा अधिकारी समीक्षा करता है तो उसकी डांट फटकार सामान्य बात है।
पीसी शर्मा, सीईओ जिला पंचायत होशंगाबाद।