ज्योतिष वो दर्पण है जिसके द्वारा आदमी अपने जीवन की योजनाओं के विषय मॆ रूपरेखा तैयार कर सकता है।किसी के लिये अपना देश व जनस्थान भाग्यवर्धक होता है तो कोई परदेश मॆ नाम सम्मान ख्याति प्राप्त करता है।एक अच्छॆ विद्वान की सलाह से आप इस सम्बन्ध पर विचार कर सकते है।सही समझदार वही होता है जो विद्वानों और गुरुजनों की सलाह से अपने भविष्य को नया आकार दे अपने भविष्य की सम्भावना तलाश रहे युवाओं के लिये यह सलाह संजीवनी के समान होती है।
पत्रिका मॆ विदेश योग
ज्योतिष मॆ सूर्य और चंद्र को माता पिता का स्थान दिया गय़ा है चंद्र मां,मातृभूमि,जन्मस्थान का प्रमुख कारक ग्रह माना गया है।शनि राहु केतु ये सब चंद्र ग्रह के शत्रु है।चंद्रमा जहा लगाव प्रदर्शित करता है वही शनि राहु केतु दूरी,अलगाव या भटकाव का संकेत करते है।ग्रहों मॆ भी दो वर्ग होते है
प्रथम वर्ग: सूर्य,चंद्र,मंगल,और गुरु ग्रह है यह वर्ग आदमी को जन्मस्थान के आसपास या अपने देश सगे सम्बंधी और स्वजातीय से जोड़ कर रखता है।
दूसरा वर्ग: इस वर्ग मॆ शुक्र, बुध,शनि का यह वर्ग जातक को विदेश,अनजान लोग तथा अपने जन्मस्थान के दूर के लोगो से गहरे सम्बन्ध बनाता है।राहु केतु इस वर्ग मॆ ही रहते है।
पत्रिका मॆ विदेश योग
जब जातक की पत्रिका दूसरे वर्ग यानी बुध,शुक्र और शनि वर्ग वाली हो तो ऐसे लोगो को विदेश से उन्नति का योग बनता है अपने जन्म स्थान मॆ दुखी ये लोग परदेश जाते ही सूखी हो जाते है।
शनि का प्रभाव
जब पत्रिका का स्वामी शनि हो या फ़िर शनि ग्रह भाग्य ,राज्य,सुख तथा धन स्थान का स्वामी हो तब विदेश मॆ करियर बनाने के सम्बन्ध मॆ अवश्य विचार करना चाहिये।ऐसे लोगो को जन्मस्थान से ज्यादा विदेश मॆ सफलता मिलती है।
शनि, राहु, केतु विदेश के कारक
शनि ग्रह सूर्य व चंद्र मंडल से दूर है इसीलिये जिनकी कुंडली मॆ शनि का प्रभाव ज्यादा रहता है या सूर्य चंद्र मंगल गुरु पर शनि की दृष्टि या प्रभाव रहता है ऐसे लोग परदेश या जन्म स्थान से दूर सफलता प्राप्त करते है।राहु का चौथे स्थान या चंद्र से सम्बंध भी आदमी को विदेश ले जाता है हमारी तो यह सलाह है की यदि आपकी कुंडली मॆ भी ऐसे योग हो तो आपको विदेश व्यापार तथा वहा जीवन यापन के विषय मॆ विचार करना चाहिये।
सभी राशियों के विदेश योग
*मेष*-यदि इस राशि या लग्न की पत्रिका मॆ शनि या राहु का प्रभाव चतुर्थ स्थान मॆ नही हो तो इन्हे विदेश के विषय मॆ नही सोचना चाहिये।
*वृषभ*-इन लोगो के विदेश योग अति बलवान होते है। इन लोगो को विदेश विशेष फलित होता है।
*मिथुन*-इस राशि के लिये भी विदेश मॆ खास सम्भावना रहती है।
*कर्क*-इस राशि वाले मातृभूमि तथा जन्मस्थान से गहरा लगाव रखते है।यदि बहुत ज्यादा कष्ट ना हो तो अपने जन्मस्थान से जुड़े रहना चाहिये।
*सिंह*-कर्क राशि की तरह इस राशि का भी मातृभूमि जन्मस्थान मॆ भाग्योदय होता है।
*कन्या*-इस राशि वालो को विदेश खास फलित होता है।पत्रिका मॆ राहु और शनि की स्थिति के अनुसार आपको विदेश अपने लिये सम्भावना तलाशना चाहिये।
*तुला*-यह पत्रिका विदेश के लिये परम कारक होती है इन लोगो का भाग्योदय परदेश तथा बाहरी सम्बन्ध से ही होता है।
*वृश्चिक*-इस राशि के लोगो की पत्रिका मॆ यदि शनि ग्रह का विशेष प्रभाव न हो तो जातक को अपने जन्मस्थान मॆ ही लाभ होता है।
*धनु*-इस राशि के लोगो को भी जन्मस्थान ही फलित होता है।अपनी मातृभूमि की उत्तर दिशा मॆ इन्हे खास सफलता मिलती है।
*मकर*-यह राशि विदेश के लिये परम अनुकुल होती है।
*कुम्भ*-यह पत्रिका भी विदेश तथा विदेशी लोगों से खास सफलता देने वाली है।
*मीन*-यह पत्रिका अपनी जन्मभूमि मात्रभूमि से खास सम्बंध रखती है इसीलिये इन्हे अपने जन्मस्थान देश मॆ ही सम्भावना तलाशना चाहिये।
विशेष सलाह
किसी भी व्यक्ति के करियर का निर्माण का चिंतन बाल्यावस्था मॆ ही करना चाहिये तथा समय रहते इसका क्रियान्वन करना चाहिये वरना समय बीतने के बाद करने को कुछ नही रह जाता।
*प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"*
9893280184,7000460931