आदमी किस समय जन्मा है इससे उसके व्यक्तित्व पर गहरा असर पड़ता है यह बात कोई दकियानूसी नही बल्कि ग्रहों का आदमी के व्यक्तित्व के सीधे सम्बन्ध को दर्शाता है। 24 घंटे मॆ 12 राशियों के 12 लग्न होते है सूर्य एक लग्न मॆ 2 घंटे रहता है इस तरह 12 लग्न होते है इन 12 लग्नो मॆ सूर्य की स्थिती अलग अलग होती है चूंकि सूर्य ग्रहों का राजा है आत्मा का कारक है। इसिलिये आपके जन्म समय से पत्री मॆ सूर्य की स्थिति अलग अलग होती है जो किसी को राजा तो किसी को फकीर बना देती है। सूर्य पिता की स्तिथि राज्य मॆ मान सम्मान को दिखाता है। इसिलिये सूर्य की स्थिति व्यक्ति के जीवन मॆ महत्वपूर्ण स्थान रखती है। हमने सूर्योदय से सूर्योदय तक किस भाव मॆ क्या सूर्य की स्थिति होती है इसका विश्लेषण किया है यदि आपको आपका जन्म समय पता है तो आप खुद के विषय मॆ सही अनुमान लगा सकते है।
सुबह 6 से 8 बजे: इस समय सूर्य लग्न यानी आपके प्रथम भाव मॆ रहता है यह सूर्य का भाव भी है ऐसा व्यक्ति तेजस्वी प्रतिभावान राज्यमान्य होता है इस व्यक्ति का पिता प्रतिष्ठित होता है या फ़िर इसके जन्म के बाद उसके पिता की प्रतिष्ठा बढ़ती है।
सुबह 8 से 10 बजे: ऐसे व्यक्ति का सूर्य व्यय भाव मॆ होता है ऐसा व्यक्ति देर से उठने वाला थोड़ा आलसी तथा जन्म स्थान से दूर प्रतिष्ठा पाता है।
सुबह 10 से 12 बजे: इस समय सूर्य लाभ मॆ होता है ऐसे व्यक्ति को मान प्रतिष्ठा का लाभ होता है।राज्य से भी लाभ मिलता है।
सुबह 10 से 12 बजे: इस समय सूर्य दशम स्थान अर्थात राज्य भाव मॆ रहता है यह सूर्य का सबसे प्रिय भाव रहता है ऐसे व्यक्ति को राज्य सुख मिलता है।
दोपहर 12 से 2बजे: इस समय सूर्य पत्री के भाग्य या नवम भाव मॆ रहता है।ऐसा व्यक्ति भाग्यवान राज्यकृपा का अधिकारी होता है।धर्म पर ऐसे व्यक्ति का विशेष झुकाव रहता है।
दोपहर 2 से 4बजे: इस समय सूर्य पत्री के अष्टम भाव मॆ रहता है ऐसे व्यक्ति के कुटुम्ब मॆ दोष रहता है।राज्य से परेशानी नेत्रों मॆ कष्ट रहता है।
शाम 4 से 6 बजे: इस समय सूर्य पत्री के सप्तम भाव मॆ रहता है यह सूर्य की नीच राशि है ऐसा जातक वैवाहिक जीबन से दुखी रहता है।ऐसे लोगों का राज्य पिता पक्ष भी कमजोर रहता है।
शाम 6 से 8 बजे: इस समय सूर्य शत्रु स्थान की ओर होता है ऐसा सूर्य शत्रुओं पर भारी होता है। ऐसे लोगों को रोग बीमारी समाप्त हो जाति है।
रात्रि 8 से 10 बजे: इस समय सूर्य पंचम अर्थात शिक्षा के भाव मॆ रहता है ऐसे लोगों की शिक्षा अतिउत्तम होती है। राज्य से लाभ मिलता है।
रात्रि 10 से 12 बजे: ऐसे लोगों का सूर्य चौथे स्थान मॆ होता है ऐसे लोग जन्मस्थान से दूर रहते है राज्य से इन्हे अच्छा मान सम्मान मिलता है।
रात्रि 12 से 2बजे: ऐसे लोगों का सूर्य पराक्रम भाव मॆ रहता है ऐसे लोग राज्य से मान पानी वाले सेना पुलिस और खेलो मॆ आगे रहते है।
2 से 4 बजे: इस समय को ब्रम्हा मुहूर्त भी कहते है इस समय सूर्य कुटुम्ब स्थान मॆ रहता है ऐसा जातक कुटुम्ब का मान बढ़ाने वाला धनी और राज्यसेवा वाला होता है।
पं. चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु
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