सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले के बहुचर्चित देवीतालाब में किये गये अतिक्रमण से संबंधित एनजीटी भोपाल तथा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में चल रही प्रकरणों में दिये गये निर्देशों के परिपालन कराये जाने के उद्देश्य से कल 14 मई को कलेक्टर श्री भरत यादव ने देवी तालाब के क्षेत्र पर निरीक्षण किया। यह उल्लेखनीय है कि देवीतालाब के संबंध में दायर प्रकरण में राष्टीय हरित प्राधिकरण एनजीटी सितंबर 2016 को सुनवाई को दौरान निर्देश जारी किये जिसमें एफटीएल लेबल हेतु मुनारें का निर्माण पिल्लर लगाये जाने के लिये नगर पालिका को निर्देशित किया गया है।
कलेक्टर श्री यादव ने यह कार्य 25 मई तक पूर्ण कर लिये जाने के निर्देश दिये है तालाब की फैंसिंग कराने हेतु अधिकारियों को कहा गया इसके अलावा जिला मुख्यालय बालाघाट में स्थित 7 तालाबों को सूचीबद्ध किया गया है जिसके जल सरक्षण एवं सर्वधन हेतु कारगर कदम उठाये जाने के आदेश दिये है।
2015 में जारी हो गए थे आदेश
गौरतलब है कि कोर्ट ने तालाब से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिनांक 2/11/15 व 17/12/15 को जारी कर दिये थे परंतु आज दिनांक तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला कागजों में दबकर लगातार लंबित हो रहा है। नगर पालिका व जिला प्रशासन इस विवादित मामले को एक दूसरे पर टालते रहे हैं।
किशोर समरिते ने भी दायर की थी याचिका
पूर्व में किशोर समरिते के द्वारा याचिका दायर की गई थी जिस पर किशोर समरिते ने देवी तालाब का अस्तित्व खतरे में होने तथा तालाब को पाटने की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी बाद में यह मामला कमजोर इस लिये पडने लगा, क्योंकि किशोर समरिते एक भी पेशी में नियमित उपस्थित नही रहे किन्तु पार्षद सुरेश कोचर ने हर पेशी तारीख में तालाब को संरक्षित रखने हेतु उपस्थिति दर्ज करायी। उपस्थिति दर्ज होने के कारण कोर्ट ने यह आदेश पारित कर दिया की हस्तक्षाकर्ता की स्थिति से आवेदक के रूप में सुरेश कोचर को मान लिया जाता है।