भोपाल। यूं तो मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी शराबंदी की बात करने लगे हैं परंतु हकीकत कुछ और ही है। मध्यप्रदेश की सरकारी शराब ना केवल हाईवे किनारे ढाबों और गांव की किराना दुकानों तक बिक रही है बल्कि आसपास के प्रदेशों में तस्करी भी की जा रही है। भोपाल आबकारी विभाग ने मंगलवार को बैरसिया तहसील के ग्राम कालूखेड़ी और टीलाखेड़ी में किराना दुकान से बिक रही शराब पकड़ी है।
जानकारी के अनुसार राजू किराना दुकान की आड़ में अवैध शराब का विक्रय करता था। इसी तरह ग्राम टीलाखेड़ी स्थित राजपूत ढाबे के रमेश चौहान को भी टीम ने अवैध देशी शराब के विक्रय के जुर्म में हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रमेश ढाबे से ही अवैध शराब का भी कारोबार करता था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ आबकारी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वसूली नहीं मिलती तो छापामारी कर देते हैं
सूत्रों का कहना है कि इस तरह का कारोबार मध्यप्रदेश में नया नहीं है। पूरे प्रदेश में हजारों किराना दुकानें और ढाबे हैं जहां से मप्र की सरकारी शराब का अवैध विक्रय होता है। यह सबकुछ आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी पता होता है परंतु उनका सप्लाई करने वाला शराब विक्रेता से आबकारी विभाग के अफसर नियमित रूप से वसूली हासिल करते हैं। जब कोई शराब विक्रेता अफसर को खुश नहीं कर पाता तो विभाग की टीम इस तरह की कार्रवाई करने निकल पड़ती है।