आनंद ताम्रकार/बालाघाट। तहसील मुख्यालय वारासिवनी के वार्ड क्रमांक 9 में स्थित आमा बोढी तालाब किनारे बनी एक कच्ची सड़क के मामले में भाजपा विधायक डॉ.योगेन्द्र निर्मल संदेह की जद में आ गए हैं। उन्होंने आम जनता से पैसे लिए और बिना किसी सरकारी ऐजेंसी को इन्वाल्व किए तालाब किनारे सड़क बना डाली। बता दें कि जनभागीदारी से होने वाले किसी भी काम में सरकारी ऐजेंसी का इन्वाल्व होना अनिवार्य है परंतु यहां तो भाजपा विधायक ही ऐजेंसी हो गए। इसे बनाने से पहले किसी तरह की परमिशन भी नहीं ली गई। विधायक खुद सरकार हो गए। उन्होंने खुद सरकारी जमीन पर सड़क बनाने की परमिशन खुद को जारी कर ली और जनता से पैसे लेकर निर्माण करा दिया।
विधायक डॉ.योगेन्द्र निर्मल का कहना है कि मैने जो भी किया जनहित में किया है। जनता मेरे पास आई थी इसलिए मैने जनभागीदारी से सड़क बनवा दी। तालाब को किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचाया है। कोई भी आकर जांच कर ले, मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
बताया जा रहा है कि जहां पर सड़क बनाई गई वो तालाब का जलग्रहण क्षेत्र है। कहा जा रहा है कि यह सारा खेल मां भगवती लेंड डवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। मां भगवती लेंड डवलपर्स ने तालाब के दूसरी ओर 2012 में कालोनी काटी थी लेकिन इस कालोनी तक का पहुंचमार्ग बहुत खराब था इसलिए प्लॉट बिक नहीं रहे थे। अब सड़क बना दी गई है। एक स्कीम भी लांच कर दी गई है ताकि फटाफट प्लॉट बिक जाएं। बाद में यदि सड़क हटा भी दी जाएगी तो कोई समस्या नहीं। मजेदार तो यह है कि विधायक महोदय ने जनता से पैसे लेकर खुद सड़क बनाई और वहां बोर्ड भी लगा दिया। कुछ इस तरह जैसे प्रतीत हो कि यह सरकारी काम है।
इस संबंध में नगर पालिका परिषद वारासिवनी के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेश चंदेल ने सूचना के अधिकार के तहत यह अवगत कराया की वार्ड नं.9 आमा बोडी तालाब के किनारे सडक का निर्माण इस निकाय द्वारा नही कराया गया है। नगर पालिका परिषद के प्रभारी सीएमओ राजेश चंदेल से जब यह पूछा गया के नगर पालिका के स्वामित्व वाले आमा बोडी तालाब पर निकाय की अनुमति के बिना कैसे सडक का निर्माण कराया गया है तो उन्होने कहा की इस संबध में मुझे कुछ नही मालूम। सवाल यह है कि जब बिना अनुमति सड़क निर्माण हो रहा था तो सीएमओ ने उसे रोका क्यों नहीं। क्या इस गोलमाल में सीएमओ भी शामिल है।
यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी है
यह उल्लेखनीय है कि माननीय उच्चतम न्यायालय, मा.उच्चन्यायायल तथा एनजीटी ने विभिन्न प्रकरणों में यह निर्देश जारी किया गया है कि जलशयों तालाबों तथा प्रमुख जलस्त्रोतों को संरक्षित सुरक्षित तथा उनकी जलग्रहण क्षमता प्रभावित ना हो इस दृष्टि से जलग्रहण क्षेत्र में कोई निर्माण ना किया जाये इसके लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है जो जल स्त्रोतों को संरक्षित सुरक्षित रखने तथा जलग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण ना हो इस पर नजर रखेगी। आमा बोडी तालाब के किनारे बनी कच्ची सड़क न्यायालयों के इस आदेश की अवहेलना है।
बिल्डर ने कहा: विधायक महोदय को दिए थे पैसे
मां भगवती लेंड डवलपर्स के मालिक आसेन्द्र पात्रे ने बताया कि जो कच्ची सड़क बनी है वो नगरपालिका की सीसी रोड को उनकी कालोनी से जोड़ती है। पात्रे ने कहा कि हम सभी लोग इसकी मांग लेकर विधायक डॉ.योगेन्द्र निर्मल के पास गए थे। उन्होंने जनभागीदारी के पैसे लिए। हमने भी अपना अंशदान वहीं जमा कराया। इसके बाद सड़क बन गई। सड़क किसने बनवाई, हमें इसकी जानकारी नहीं है।
विधायक डॉ.योगेन्द्र निर्मल का कहना है कि मैने जो भी किया जनहित में किया है। जनता मेरे पास आई थी इसलिए मैने जनभागीदारी से सड़क बनवा दी। तालाब को किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचाया है। कोई भी आकर जांच कर ले, मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
बताया जा रहा है कि जहां पर सड़क बनाई गई वो तालाब का जलग्रहण क्षेत्र है। कहा जा रहा है कि यह सारा खेल मां भगवती लेंड डवलपर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। मां भगवती लेंड डवलपर्स ने तालाब के दूसरी ओर 2012 में कालोनी काटी थी लेकिन इस कालोनी तक का पहुंचमार्ग बहुत खराब था इसलिए प्लॉट बिक नहीं रहे थे। अब सड़क बना दी गई है। एक स्कीम भी लांच कर दी गई है ताकि फटाफट प्लॉट बिक जाएं। बाद में यदि सड़क हटा भी दी जाएगी तो कोई समस्या नहीं। मजेदार तो यह है कि विधायक महोदय ने जनता से पैसे लेकर खुद सड़क बनाई और वहां बोर्ड भी लगा दिया। कुछ इस तरह जैसे प्रतीत हो कि यह सरकारी काम है।
इस संबंध में नगर पालिका परिषद वारासिवनी के प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजेश चंदेल ने सूचना के अधिकार के तहत यह अवगत कराया की वार्ड नं.9 आमा बोडी तालाब के किनारे सडक का निर्माण इस निकाय द्वारा नही कराया गया है। नगर पालिका परिषद के प्रभारी सीएमओ राजेश चंदेल से जब यह पूछा गया के नगर पालिका के स्वामित्व वाले आमा बोडी तालाब पर निकाय की अनुमति के बिना कैसे सडक का निर्माण कराया गया है तो उन्होने कहा की इस संबध में मुझे कुछ नही मालूम। सवाल यह है कि जब बिना अनुमति सड़क निर्माण हो रहा था तो सीएमओ ने उसे रोका क्यों नहीं। क्या इस गोलमाल में सीएमओ भी शामिल है।
यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना भी है
यह उल्लेखनीय है कि माननीय उच्चतम न्यायालय, मा.उच्चन्यायायल तथा एनजीटी ने विभिन्न प्रकरणों में यह निर्देश जारी किया गया है कि जलशयों तालाबों तथा प्रमुख जलस्त्रोतों को संरक्षित सुरक्षित तथा उनकी जलग्रहण क्षमता प्रभावित ना हो इस दृष्टि से जलग्रहण क्षेत्र में कोई निर्माण ना किया जाये इसके लिये कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है जो जल स्त्रोतों को संरक्षित सुरक्षित रखने तथा जलग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण ना हो इस पर नजर रखेगी। आमा बोडी तालाब के किनारे बनी कच्ची सड़क न्यायालयों के इस आदेश की अवहेलना है।
बिल्डर ने कहा: विधायक महोदय को दिए थे पैसे
मां भगवती लेंड डवलपर्स के मालिक आसेन्द्र पात्रे ने बताया कि जो कच्ची सड़क बनी है वो नगरपालिका की सीसी रोड को उनकी कालोनी से जोड़ती है। पात्रे ने कहा कि हम सभी लोग इसकी मांग लेकर विधायक डॉ.योगेन्द्र निर्मल के पास गए थे। उन्होंने जनभागीदारी के पैसे लिए। हमने भी अपना अंशदान वहीं जमा कराया। इसके बाद सड़क बन गई। सड़क किसने बनवाई, हमें इसकी जानकारी नहीं है।