
भाजपा नगराध्यक्ष शिवेद्र गुप्ता को बुधवार को उनके मोबाइल नंबर पर जान से मारने की धमकी भरा फोन आया तो वे शाम पांच बजे थाने पहुंचे। वहां दरोगा अमित शर्मा को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। दरोगा ने फोनकॉल की जांच कराने की बात कही। इसी बात को लेकर दोनों में बहस हुई और फिर मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इसमें उपनिरीक्षक घायल हो गए और उनकी वर्दी भी फट गई। इसके बाद थाने के अन्य पुलिसकर्मी भड़क गये और भाजपा नेता को धकियाते हुए थाने से बाहर निकाल दिया।
यह सूचना मिलते ही दर्जनों भाजपाइयों ने कोतवाली में जमकर हंगामा किया। उपनिरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कोतवाली गेट पर धरने पर बैठ गए। कोतवाली प्रभारी विनय कुमार ने उनसे बातचीत का प्रयास किया, लेकिन वे अड़े रहे। कोतवाली प्रभारी के आदेश पर पुलिस कर्मियों ने जब लाठियां संभालनी शुरू कीं तो भाजपाई बस स्टैंड स्थित बाबू रामपाल सिंह की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठ गये। और कुछ देर बाद पुन: उपनिरीक्षक के खिलाफ तहरीर लेकर अपने समर्थकों के साथ कोतवाली गेट पर जा पहुंचे।
इस दौरान कोतवाली प्रभारी की मौजूदगी में भाजपा नगराध्यक्ष उपनिरीक्षक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने की बात कहते हुए पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने लगे। पुलिसकर्मियो में इसी बात को लेकर गुस्सा फैल गया और उन्होंने भाजपाइयों को मौके से खदेड़ दिया। बाद में भाजपा कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों का इरादा भांपकर कोतवाली गेट से हटकर फिर नगरपालिका गेट पर स्व. बाबू रामपाल सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गये। पुलिस क्षेत्राधिकारी विशाल यादव ने एसएसपी को अवगत कराया।
भाजपा नेता को फंसाने को दरोगा ने फाड़ी वर्दी
पुलिस व भाजपा नगराध्यक्ष के बीच हुई मारपीट की सूचना पर भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम शर्मा ने देर रात ठाकुरद्वारा पहुंचकर अपने कार्यकर्ताओं का दु:ख दर्द सुना। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान बर्दास्त नहीं किया जायेगा। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप था कि उपनिरीक्षक ने भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठा फंसने के लिए स्वयं वर्दी फाड़ी और हाथ में चोट मारी है। इस दौरान उमेश गुप्ता, अजय प्रताप सिंह, डॉ. वीर सिंह, रवि गुर्जर, नागेन्द्र लाम्बा, धर्मेन्द्र पाल, मुकेश चौधरी, सत्यप्रकाश गुप्ता मौजूद थे।