सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। नोटो की बारिश कराने के लिये तांत्रिक अनुष्ठान किया जाना था। जिसकेे लिये एक मुर्दे की जरूरत थी। इसीलिये चार युवकों ने मिलकर गांव के ही एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक को बलि का बकरा बनाते हुये गले में गमछा लपेटकर उसे मौत के घाट उतार दिया। तंत्र क्रिया के बाद शव को नदी के पास गाड़ दिया गया। उन्हे भरोसा था कि अनुष्ठान किये जाने के 15 दिन बाद नोटो की बारिश होना शुरू हो जायेगी लेकिन उनका मकसद पूरा होने के पहले ही वो जेल के कटघरे में पहुच गये।
इस तरह अंधविश्वास के इस खेल का खुलासा तब हुआ जब मृतक के शव का एक हाथ रेत के बाहर दिखाई दिया। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला कायम कर विवेचना प्रारंभ की। विवेचना के दौरान पता चला कि 11 अप्रैल को मृतक कमलेश को बहला फुसलाकर पहले उसे शराब पिलाई मटन खिलाने के बहाने उसे पास के ही खेत में ले गये और गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर ही गई। घटना स्थल से मृतक की लाश को मोटर साइकिल में रखकर सर्राटी नदी में ले गयें और गाड दिया।
14 अप्रैल को मृतक के परिजनो ने गुमशुदगी की रिर्पोट थाने में दर्ज करायी। 18 अप्रैल को नदी की रेत में हाथ दिखाई दिया लाश के करीब एक गमछा दिखाई दिया जिसके आधार पर जांच आगे बढी गांव के ही हगरियां लिल्हारे से पूछताछ की तो उसने गमछा उसका होना बताया। पुछताछ में हगरियां लिल्हारे ने पुलिस को घटना की कहानी बया करके और अन्य आरोपी रमाशंकर बब्लु बसेनें 26 वर्ष मुरझड, चंदु लाल गौतम बोट्टा हजारी, तपेश सेवकराम मानेश्वर गा्रम गर्रा वारासिवनी उम्र 24 वर्ष के शामिल होने की जानकारी मिली। इस वारदात का मास्टर मांइड तांत्रिक फरार बताया गया।