हिंदुओं में मोदी से ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं योगी आदित्यनाथ

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की सदस्यता सूची यह प्रमाणित कर रही है कि भारत में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं। हिंदुओं का बड़ा वर्ग जो अब तक आरएसएस से दूर बना हुआ था वो योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद आरएसएस के जुड़ रहा है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। आरएसएस और भाजपा के संगठन संचालकों का नजरिया कुछ भी हो परंतु जनता ने योगी को मोदी का विकल्प मान लिया है। 

यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद RSS के मेंबर बनने में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। 11 मार्च को नतीजे आने के एक हफ्ते के अंदर ही संघ में सदस्यता के लिए ढेरों ऑनलाइन एप्लिकेशन आईं। 16 से 31 मार्च के बीच 22 हजार 432 एप्लिकेशन आईं, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें से 8 हजार 919 एप्लिकेशन यूपी से तो 1,680 एप्लिकेशन दिल्ली से हैं। नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के 3 साल में हर महीने संघ के पास 7 हजार लोगों ने अप्लाई किया। वहीं, योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद ये आंकड़ा 31 हजार 637 तक पहुंच गया है, जो 2014 के चुनावों के बाद आरएसएस में भर्ती लेने वालों का 4 गुना है। 

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 से 15 अप्रैल के बीच भी 9 हजार 205 ऑनलाइन एप्लिकेशन आईं, जिनमें से 2 हजार 788 अकेले यूपी से थे। RSS के एक सीनियर पदाधिकारी के मुताबिक, "ये हमारा अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। ये सिर्फ ऑनलाइन है।इसके अलावा जो लोग स्वयंसेवकों के जरिए भर्ती हुए हैं, वह रिकॉर्ड तो और शानदार है।"

"मोदी के पीएम बनने के 3 साल में हर महीने संघ में एंट्री के लिए 7 हजार लोगों ने अप्लाई किया। वहीं, योगी के सीएम बनने के बाद ये आंकड़ा 31 हजार 637 तक पहुंच गया है, जो 2014 के चुनावों से चार गुना है। 1 जनवरी से लेकर 31 मार्च तक संघ को 41 हजार 134 आवेदन मिले।

वेस्ट बंगाल में शानदार ग्रोथ
इस साल संघ ने पश्चिम बंगाल में भी शानदार ग्रोथ हासिल की है, जहां उसे 1 जनवरी से लेकर 15 अप्रैल के बीच 3 हजार 422 एप्लिकेशन मिलीं। RSS ने पश्चिम बंगाल को दो प्रोविंस में डिवाइड कर दिया है- नॉर्थ और साउथ। राज्य में विस्तार के बारे में एक RSS के प्रचारक ने बताया कि हम बंगाल में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी साल संघ के कोर ग्रुप ने एक प्रस्ताव पास किया है। 2013 में संघ को 28 हजार 424 एप्लिकेशन मिली थीं, लेकिन 2014 बड़ा बदलाव लेकर आया। उस साल संघ को 97,047 एप्लिकेशन मिलीं। इसके बाद 2015 में 81 हजार 620 और 2016 में 84 हजार 941 आवेदन मिले थे। 2017 में 15 अप्रैल तक उसे 50 हजार 339 एप्लिकेशन मिल चुकी हैं।

बढ़ रही है लोकप्रियता 
एक नेता ने कहा कि केरल, नॉर्थ ईस्ट और बंगाल सहित अन्य राज्यों में हमारी पार्टी बढ़ रही है। इससे पता चलता है कि लोग हमारे काम और आइड‍ियोलॉजी को अपना रहे हैं। फिलहाल देशभर में RSS की 57 हजार 233 शाखाएं हैं। इसके अलावा 14 हजार 650 मिलन और 7 हजार 790 मंडली भी हैं। शाखा की नजर से देखें तो संघ ने 2015-16 में शानदार ग्रोथ दर्ज की थी। इस साल देशभर की 3 हजार 644 जगहों पर 5 हजार 527 नई शाखाएं ऑर्गनाइज हुई थीं।

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