
आरटीई लागू होने के बाद विषयवार शिक्षक/अध्यापक माध्यमिक शालाओं में रहना चाहिए थे। प्रदेश में ऐसे प्रयास जारी हैं लेकिन ये केवल नई भर्ती पर ही लागू हो सकते हैं और होना भी चाहिए। पुराने दक्ष सहायक शिक्षकों/अध्यापकों को छेड़े बगैर यह व्यवस्था लागू की जानी चाहिए, लेकिन प्रदेशभर में इसे एक साथ लागू करना चक्रव्यूह भेदने के समान हैं।
सवालों के घेरे में सरकार बताएँ कि जब वर्षो से विषयमान से भर्ती ही नहीं की गई तो विषयवार शिक्षक/अध्यापक कहाँ से उपलब्ध होंगे ? नीति नियंताओं को यह बात माननीय शिक्षा मंत्री कुंवर विजयशाह जी के संज्ञान में लाना चाहिए ताकि पूरे विभाग में हड़क्कम एवं अफरातफरी की स्थिति समाप्त हो।
युक्तियुक्तकरण दर्ज छात्र संख्या के मान से सामान्य तौर से किया जाना चाहिए ताकि निर्विवाद ढंग से इसका पटाक्षेप हो सके एवं विभाग की छवि भी धूमिल न हो । इसमें सीधा हस्तक्षेप माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री शिवराजसिंह जी चौहान एवं स्कूल शिक्षा मंत्री माननीय कुंवर विजयशाह को करना समय की पुकार हैं।