लखनऊ। निजी स्कूलों में बच्चों को गले में आईकार्ड डाले तो हमेशा ही देखा जाता है लेकिन सरकारी स्कूलों में बच्चों की जगह शिक्षकों के गले में आईकार्ड को डाले हुए आप जल्द ही देखेंगे। प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को स्कूल के समय गले में आईकार्ड डालकर रखने के निर्देश शिक्षा विभाग द्वारा दिये गये हैं। उत्तर प्रदेश में 1.98 लाख प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को अब आई कार्ड डालकर स्कूल आना होगा। इससे स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 1.96 करोड़ बच्चे यह अपने शिक्षक को पहचान सकें।
यह निर्देश देने की वजह है स्कूलों में शिक्षकों की जगह उनके रिश्तेदारों के द्वारा पढ़ाये जाने की शिकायतें जो अकसर सामने आती रही हैं। एक ओर जहां शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को आई कार्ड धारण करने के निर्देश जारी किये गये हैं। तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने भी स्कूलों में शिक्षकों के फोटो चस्पा किये जाने और उन पर फोन नम्बर लिखे जाने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिये हैं।
मैंने जिलों के बीएसए को यह निर्देश पहले ही जारी कर दिये थे कि स्कूलों में शिक्षकों को आईकार्ड धारण करने के लिए कहा जाये। प्रधानाचार्य सभी शिक्षकों का आईकार्ड खुद तैयार करें। शासन से अभी आदेश विभाग को प्राप्त नहीं हुए हैं कि स्कूलों में शिक्षकों के फोटो चस्पा कर उन पर फोन नम्बर लिखे जायें। यह निर्देश आने के बाद इसको भी स्कूलों में लागू किया जायेगा।
महेन्द्र सिंह राणा , सहायक निदेशक, बेसिक शिक्षा विभाग