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पहले ट्रैफिक सुधारते हैं फिर ऑटो चलाते हैं
जावीद खान ट्रैफिक होम गार्ड हैं। दिनभर वो हैदराबाद की सड़कों पर यातायात व्यवस्था सुधारते हैं और फिर जो वक्त मिलता है उसमें ऑटो चलाते हैं, जिससे वो बेटियों का पेट भी पालते हैं और उनकी पढ़ाई का खर्च भी निकालते हैं। जावीद इतनी मेहनत इसलिए करते हैं ताकि उनकी बेटियां पढ़ सकें।
बेटियों को पढ़ाने के लिए एक्स्ट्रा काम
जावीद खान कहते हैं कि स्कूलों की फीस बहुत है। अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा देनी है तो बहुत पैसा चाहिए। जावीद कहते हैं कि लड़कियों की पढ़ाई में, उनकी स्कूल फीस में बहुत खर्च आता है जो एक नौकरी से पूरा नहीं हो पाता। जावीद का कहना है कि एक्स्ट्रा काम वो इसलिए करते हैं जिससे अपनी बेटियों को पढ़ा सकें।
एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की जावीद खान मदद के लिए आगे आए हैं। जावीद की तारीफ करते हुए ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को ऐसे और पिता की जरूरत है, जो बेटियों को पढ़ाएं। उन्होंने जावीद की बेटियों के पढ़ाई के खर्च के लिए बात की है।