
बताया जा रहा है कि शरद पौरिया के परिवार के बच्चो का नवरात्री पर बीजेपी के ही दिग्गज नेताओं से विवाद हुआ था। उस विवाद के बाद बंद कमरे में उदयपुरा के कई बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में बातचीत हुई थी। शरद पौरिया ने लड़ाई को रोकने के लिए उनके पैर छुए थे तब किसी ने उनका वीडियो बना लिया और कुछ माह बाद उसको सोशल मिडिया पर वायरल कर दिया गया। चूंकि शरद प्रतिष्ठित और स्वाभिमानी था अंदर ही अंदर मानसिक तनाव के चलते घुटते रहे। इसको लेकर वो उदयपुरा थाने में भी वीडियो वायरल की रिपोर्ट दर्ज कराने गए लेकिन पुलिस ने भी दबंगों के आगे घुटने टेक दिया।
परिवार और दलित वर्ग के कई नेताओं ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मृतक को न्याय दिलाने के लिए उदयपुरा थाने में जाँच की मांग की वही मृतक शरद पौरिया का मंगल वार को पीएम कराया गया उसके बाद उदयपुरा के मुक्ति धाम पर दाह संस्कार किया गया जिसमें पूरा नगर मौजूद था अब देखना यह है पुलिस आरोपियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करती है।