सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। वारासिवनी जनपद पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत रमरमा निवासी वृद्ध परदेशी पिता छत्तेसिंह परते जो कि अभी जीवित है को पंचायत पदाधिकारियों ने मृत घोषित कर दिया और शासकीय पोर्टल छेडछाड करते हुये राष्टीय परिवार सहायत योजना के अंतर्गत परदेशी के नाम से मृत्यु सहायत राशि 20000 हजार रूपये स्वीकृत करवाकर उसे आहरित भी कर लिया। अब पोर्टल में परदेशी के मृत घोषित कर दिये जाने से वह शासन की पेंशन, इंदिरा आवास, प्रधानमंत्री आवास सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने से वंचित कर दिया गया है। अब वह स्वयं को जीवित बताने के लिये जदोजहद कर रही है।
इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार परदेशी अपनी पत्नी और बेटा बहु के साथ रमरमा में निवासरत है। गत 4 नवबंर 2015 को उसके इकलौते पूत्र संतोष कुमार की मृत्यु हो गई मृतक संतोष की पत्नी सरिता बाई को हितग्राही के रूप में मृत्यु सहायता राशि 20 हजार रूपये जनपद पंचायत वारासिवनी द्वारा प्रदान किये गये। इसके बाद पंचायत पदाधिकारियों ने फर्जीवाडा और धोखधडी करते हुये परदेशी परते को मृत घोषित करते हुये जानकारी समग्र पोर्टल पर दर्ज करवा दी परदेशी के नाम से मृत्यु पंजीयन क्रमांक 146850297 पून 4 नवबर 2015 को मृत्यु स्थान रमरमा दर्शाकर जीवित परदेशी के नाम की सहायता राशि आहरित कर ली गई।
इस मामले में पिता पुत्र की एक ही दिन एक ही गांव में मृत्यु दर्शानें से यह मामला प्रकाश में आ गया। इतना ही नही शासकीय पोर्टल में हेराफेरी करने के साथ साथ दस्तावेजों में भी पंचायत पदाधिकारियों ने हेराफेरी करते हुये घर के मुखिया परदेशी की बहु सरिता को बना दिया गया जबकि वर्तमान में बीपीएल राशन कार्ड मे अभी भी परदेशी घर का मुखिया दर्शाया गया है।
परदेशी ने अवगत कराया की उसे समग्र पोर्टल में मृत घोषित कर उसकी पत्नी को हितग्राही बनाकर उसके नाम से राशि आहरित कर ली गई और उसे एक रूपया भी नही मिला।
इस तरह जीवित परदेशी के मृतक बताये जाने से एक ओर वह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वछित हो गया तो दूसरी तरफ वह मानसिक तौर से भी प्रताडित हो रहा है।
शासकीय दस्तावेजेां और समग्र पोर्टल में छेडछाड और हेराफेरी करते हुये जीवित व्यक्ति को मृत बताकर उसके नाम से सहायता राशि आहरित करने वाले पंचायत पदाधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिये।