भोपाल। मप्र के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने शुक्रवार को मौखिक तौर पर कांग्रेसी सरपंचों को दिए जाने वाले बजट पर बैन लगाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने तहसीलदार को आदेशित किया कि यदि कांग्रेसी सरपंचों के काम किए तो वहीं वापस भेज दूंगा जहां से आए हो। इसके अलावा बिसेन ने कहा कि कांग्रेसियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। दुकानों का आवंटन उनके नाम नहीं होना चाहिए। कांग्रेसी मानसिकता के ठेकेदारों को ठेके नहीं दिए जाएंगे। पीसीसी चीफ अरुण यादव ने मंत्री के इस बयान को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए ऐलान किया है कि मंत्री को कटघरे में खड़ा करेंगे।
पीसीसी चीफ अरुण यादव ने मंत्री बिसेन के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि इस मामले में वे कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरपंच जनता से सीधे चुनकर आता है। उसके कामों के लिए अफसरों को मना करना जनप्रतिधियों का अपमान तो है ही, लोकतांत्रिक परंपराओं के भी खिलाफ है। यादव ने कहा कि बिसेन की कांग्रेस से मतभिन्नता हो सकती है, पर कार्यपालिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को निर्देशित करना उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है।
अफसरों को दलों में बांटना ओछी राजनीति
नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह ने मंत्री बिसेन के तहसीलदार को दिए निर्देशों को बेहद आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि सरकार में बैठे अफसर किसी राजनैतिक दल के कार्यकर्ता नहीं हैं। उन्हें इस प्रकार से धमकाना और राजनीतिक आधार पर बांटना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन है। मंत्री का यह कृत्य गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय है। मंत्री बिसेन के इस कृत्य को विधानसभा में पूरी ताकत से उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।
यह बोले थे मंत्री बिसेन
शुक्रवार को बालाघाट जिले के लालबर्रा में कृषि उपज मंडी के कार्यक्रम में मंत्री बिसेन ने तहसीलदार को चेतावनी देते हुए कहा था कि किसी कांग्रेसी के काम किए या उसे फायदा पहुंचाया तो जहां से आए हो वहां वापस भेज दूंगा।