रायपुर। लोक सुराज में आधे से ज्यादा प्रदेश का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मान लिया है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 90 में से 50 सीटों पर पार्टी को नए उम्मीदवार उतारने की जरूरत है। शुक्रवार को मीडिया से रूबरु हुए सीएम ने साफ किया कि कमजोर परफॉर्मेंस वाले विधायकों की सूची तैयार कर ली गई है। उनके इस बयान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दिल्ली एमसीडी चुनाव के सफल फार्मूले को छत्तीसगढ़ में भी लागू करने के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में 23 नए चेहरों को मैदान में उतारकर सत्ता की चाबी जनता से ली थी। डॉ. रमन ने बताया कि अमित शाह जून में तीन दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। शाह ने अप्रैल में हुए दिल्ली नगर पालिका चुनाव में सभी वार्ड पर नए उम्मीदवारों को टिकट दिया व उनको जीत मिली।
माना जा रहा है कि सरकार व संगठन उनके फार्मूले पर आधारित रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। लोक सुराज के दौरान मुख्यमंत्री ने अब तक बस्तर, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में सबसे ज्यादा समय दिया है। बस्तर में भाजपा के सिर्फ चार विधायक हैं। इसमें से दो केदार कश्यप और महेश गागड़ा को मंत्री हैं।
ऐसे में यहां की 8 विधानसभा सीटों पर पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। सूत्रों की मानें तो बस्तर की एक-दो हारी हुई सीट पर ही पुराने उम्मीदवारों पर पार्टी दांव लगाएगी। साथ ही जशपुर, रायगढ़, बिलासपुर में पार्टी के विधायकों की संख्या कांग्रेस की तुलना में ज्यादा है।
संभव है कि इन इलाकों में कमजोर परफॉर्मेंस वाले भाजपा विधायकों का टिकट काटा जाए। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक सरगुजा की 12 सीट में से सिर्फ चार पर जीत मिली थी। यहां के भी दो मंत्री रामसेवक पैकरा और भैयालाल राजवाड़े हैं। ऐसे में संकेत हैं कि यहां हारी हुई सीट पर नए उम्मीदवारों को मौका मिलेगा।
विधानसभावार बन रहा शिकायतों का डाटा बैंक
मुख्यमंत्री सचिवालय के आला अधिकारी लोक सुराज में मिली शिकायतों का विधानसभावार डाटा बना रहे हैं। इस सूची में उन समस्याओं को अलग रखा जा रहा है, जिसे विधायक स्तर पर निपटाया जाना था, जो विधायक समस्याओं का निपटारा नहीं कर रहे हैं, उनको कमजोर की श्रेणी में डाला जाएगा।
तीन श्रेणी में परफॉर्मेंस चार्ट
सूत्रों की मानें तो विधायक परफॉर्मेंस चार्ट तीन श्रेणियों में बनाया जा रहा है। ए श्रेणी के विधायक टिकट कटने के संकट से बाहर होंगे। इसमें मंत्रियों का परफॉर्मेंस भी आंका जाएगा। बी श्रेणी के विधायकों को चुनाव के समय के तत्कालीन समीकरण के आधार पर टिकट मिलेगा। वहीं सी श्रेणी में वाले विधायकों की छुट्टी निश्चित है।