भोपाल। शिक्षामंत्री विजय शाह ने मप्र के सभी डीईओ को निर्देशित किया है कि वो कलेक्टर्स की नहीं शिक्षा विभाग की ड्यूटी निभाए। सीधी सरल गाय बनकर कलेक्टर के हर आदेश का पालन करना जरूरी नहीं है। शिक्षामंत्री ने खराब परीक्षा परिणामों को लेकर मप्र के जिला शिक्षा अधिकारियों को जमकर फटकारा एवं स्पष्ट किया कि वो शिक्षा पर ध्यान दें एवं अपने अपने जिलों में शिक्षकों/अध्यापकों/संविदा शिक्षकों को प्रतिनियुक्तियों से वापस बुलाएं। यदि 31 मई तक ऐसा नहीं किया तो डीईओ को जिम्मेदार मानकर कार्रवाई की जाएगी।
शाह ने कहा जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि अगर आप लोगों को परेशानी है तो अपने आयुक्त कार्यालय में जानकारी दो। आप लोग कलेक्टर के कामों में लगे रहते हो। यह ठीक नहीं है। उन्होंने अलीराजपुर और पन्ना जिलों के कम हुए परीक्षा परिणाम पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आगे से परीक्षा परिणाम ऐसा नहीं आना चाहिए। बैठक में शाह ने निर्देश दिए कि प्रदेश भर में जिन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य के लिए अटैच किया गया है, उन्हें हर हाल में 31 मई तक स्कूलों में भेजा जाए। अगर इस अवधि तक वे स्कूल में नहीं पहुंचे तो इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा,वे जिले में ऐसी व्यवस्था करें कि जरूरी कामों को छोड़कर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए। इसके लिए राज्य स्तर पर कलेक्टरों को पुन: पत्र लिखे जाएं। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही के लिए अधिकारी परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहें। बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए अब हर सप्ताह वीडियो कांफें्रसिंग के माध्यम से समीक्षा की जाएगी। शाह ने जिला अधिकारियों से स्कूलों की निरीक्षण प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने को कहा।
प्रदेश भर में लागू होगा ज्ञानार्जन प्रोजेक्ट
शाह ने मंडला और रायसेन जिले में लागू 'ज्ञानार्जन" प्रोजेक्ट को पूरे प्रदेश में लागू किए जाने के लिए कहा। इस प्रोजेक्ट में सरकारी स्कूलों में कक्षा 10 और 12 के सिलेबस को प्रतिदिन के हिसाब से बांटकर मॉनीटरिंग किए जाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था से परीक्षा परिणाम में इन जिलों में सुधार आया है।
फील्ड अधिकारियों के सुझाव पर होगा अमल
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि फील्ड अधिकारियों से प्राप्त सुझाव से परीक्षा परिणाम में बेहतर तरीके से सुधार किया जा सकता है। इनसे प्राप्त सुझावों पर अमल किया जाएगा। शिक्षक समय पर स्कूल में उपस्थित हों। बैठक में माध्यमिक स्तर पर स्कूल शिक्षा की स्थिति, शिक्षा में गुणवत्ता की कार्य योजना, नि:शुल्क साइकिल योजना, भवन निर्माण, सीएम हेल्पलाइन से संबंधित प्रकरणों पर भी चर्चा हुई।
नियमित हो पेरेंट्स मीटिंग
स्कूल शिक्षा विभाग की सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी ने गुणवत्ता सुधार के लिए सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग नियमित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को शिक्षक बताएं कि वे घर पर छात्रों पर कैसे ध्यान दें। लोक शिक्षण आयुक्त नीरज दुबे ने बोर्ड परीक्षा परिणामों का विश्लेषण करने के लिए कहा।