शैलेन्द्र गुप्ता/शिमला। प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए जल्द नीति न बनाई तो वे सचिवालय के बाहर आत्मदाह करेंगे। यह चेतावनी आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष धीरज चौहान ने सरकार को दी। धीरज ने यहां पत्रकारों से कहा कि आउटसोर्स कर्मी अपनी मांग को लेकर 8 मई से 72 घंटे तक सचिवालय के बाहर धरना देंगे। मुख्यमंत्री ने एक महीने के भीतर आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने का आश्वासन दिया था।
दो महीने से अधिक समय बीत चुका है मगर नीति तैयार करना तो दूर, मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर चर्चा भी नहीं की गई। इस मामले में जब सचिवालय में उच्च अधिकारियों से बात की जाती है तो वहां से आश्वासन मिलते हैं। आउटसोर्स कर्मचारी जब प्रदेश सरकार के लिए काम कर रहे हैं तो आउटसोर्स कंपनी को कमीशन किसलिए दी जा रही है।
आउटसोर्स कर्मियों को समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा व ईएसआइ की भी सुविधा नहीं दी जा रही है। सरकार को आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुबंध पर तैनात करने में दिक्कत है तो कम से कम उन्हें दैनिक वेतनभोगी की श्रेणी में ला दिया जाए। यदि ऐसा भी संभव नहीं है तो अन्य राज्यों की तर्ज पर 15 से 20 हजार रुपये वेतन दिया जाए। शैलेन्द्र गुप्ता 9074757575