
कर्मचारियों ने कहा कि शासन और श्रम विभाग की ओर से आदेश मिलने और अफसरों के आश्वासन के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी थी। इसके बाद रविवार को सुबह जब कर्मचारी काम पर लौटे तो कंपनी ने उन्हें एंबुलेंस की चाबियां देने से इंकार कर दिया। एंबुलेंसकर्मी असलम खान ने बताया कि प्रबंधन का कहना है कि जब तक सभी कर्मचारी कोर्ट ऑफ कंडक्ट पर साइन नहीं करेंगे, तब तक उन सभी कर्मचारियों की सेवाओं को बहाल नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी श्रम विभाग के 8 घंटे ड्यूटी करने वाले आदेशों का उल्लंघन कर रही हैं और सभी कर्मचारियों को 12 घंटे काम करने के लिए बाध्य कर रही है। कर्मचारियों को बहाल नहीं करने के बाद जेडएचएल गांव के अनटेएंड ड्राइवरों की भर्ती कर रहे हैं।
विज्ञापन जारी कर कंपनी ने बनाया दबाव
शनिवार को जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड ने विज्ञापन जारी किया था। इसमें पायलट व ईएनटी स्टाफ की भर्ती के बारे में सूचना दी गई थी। जैसे ही इसकी खबर हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को लगी, उन्होंने जिगित्सा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कंपनी द्वारा उठाया गया यह कदम एक तरह का दबाव था। इसे कर्मचारियों को कमजोर करने के लिए इस्तेमाल किया गया। इधर नौकरी पर संकट देख कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेना ही सही समझा। हालांकि यह अच्छा हुआ कि इस दौरान ही सहायक श्रम आयुक्त ने आठ घंटे की नौकरी का आदेश जारी कर दिया।