
साकार होगा घर का सपना
मकान खरीदने के लिए पीएफ खाते में जमा राशि का 90 प्रतिशत हिस्सा निकाला जा सकता है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि अंशधारक ने कम-से-कम तीन साल कोष में योगदान किया हो। यह सुविधा एक बार ही मिलती है। इस राशि से डाउन पेमेंट और ईएमआई का भुगतान किया जा सकता है। हाल ही में किए गए नए प्रावधानों में अंशधारक कम-से-कम 10 सदस्यों वाली सहकारी या हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य के रूप में मकान या फ्लैट खरीदने अथवा मकान बनवाने और जगह खरीदने के लिए इस फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बीमारी में इलाज
बीमारी के इलाज के लिए ईपीएफ से राशि निकाली जा सकती है। दिव्यांग सदस्य उपबंध 68-एन के तहत जरूरी उपकरण खरीदने के लिए राशि निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें चिकित्सा प्रमाणपत्र या ईपीएफओ द्वारा अधिकृत अधिकारी से प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस राशि को रिफंड करने की जरूरत भी नहीं होगी।
बच्चों की शादी-पढ़ाई
बच्चों की शादी या शिक्षा के लिए भी पीएफ की राशि का उपयोग किया जा सकता है। इस सुविधा का इस्तेमाल तीन बार किया जा सकता है। शर्त यह है कि सदस्य को नौकरी करते हुए कम से कम 7 वर्ष हो गए हों।
रिटायरमेंट का सहारा
पीएफ के उन अंशधारकों को, जो 20 साल या इससे अधिक समय तक अंशदान करते रहे हैं, रिटायरमेंट के वक्त 50 हजार रुपए की अतिरिक्त रकम मिलेगी। यदि अंशधारक आजीवन अक्षमता का शिकार हो गया है, लेकिन उसने 20 साल से कम समय तक ईपीएफओ में योगदान दिया हो, तो उसे भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
जीवन बीमा
इम्प्लाई डिपॉजिट लिंक्ड इन्श्योरेंस (ईडीएलआई) स्कीम के तहत सदस्यों को जीवन बीमा कवर मिलता है। अगर किसी सदस्य का निधन हो जाता है तो नॉमिनी को जीवन बीमा कवर के तौर पर 6 लाख रुपए तक मिलेंगे। हाल ही में इस योजना के तहत न्यूनतम 2.5 लाख रुपए का सुनिश्चित जीवन बीमा लाभ देने की सरकार से सिफारिश की गई है।
7 चरणों में जानें अपना EPFO बैलेंस
1. www.epfindia.com पर लॉगिन करें।
2. फिर Our Services कॉलम में For Employee में जाएं।
3. Services कॉलम में Know Your EPF Balance पर क्लिक करें।
4. उस राज्य को सलेक्ट करें, जहां आपका ऑफिस रजिस्टर्ड है।
5. अपने पीएफ रिजनल ऑफिस पर क्लिक करें।
6. अगले चरण में अपना नाम, मोबाइल नंबर और पीएफ खाते की संख्या दर्ज कर सबमिट करें।
7. पांच मिनट के अंदर आपको मैसेज आएगा, जिसमें ईपीएफओ बैलेंस होगा।