भोपाल। व्यापमं का नाम बदलकर प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया परंतु परीक्षा का पैटर्न अब भी पुराना है। पीईबी की परीक्षा में अंग्रेजी और गणित के प्रश्न बड़ी संख्या में पूछे जा रहे हैं जबकि पीएससी और यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान के प्रश्नों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अभ्यर्थियों ने पीईबी के पुराने परीक्षा पैटर्न का विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि जो पैटर्न पीएससी और यूपीएससी वैसी ही पैटर्न पीईबी का भी होना चाहिए। उसे पुराना ढर्रा बंद कर देना चाहिए।
संघ लोक सेवा आयोग और पीएससी दोनों संस्थाएं अपनी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्न पूछ रही हैं। इसमें राजनीति, भूगोल, खेल, इतिहास, संस्कृति और अर्थव्यवस्था से जुड़े सवाल होते हैं। दोनों आयोग केवल सी-सेट में ही अंग्रेजी और गणित के सवाल पूछ रहे हैं। इनमें आवेदक को सिर्फ क्वालिफाई करना जरूरी है। यानी इसके अंक मेरिट में नहीं जुड़ रहे हैं। उधर, पीईबी की सभी परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान के साथ अंग्रेजी और गणित पूछा जा रहा है।
दोनों विषयों के प्रश्न न केवल बड़ी संख्या में पूछे जा रहे हैं, बल्कि मेरिट में भी उनके अंकों को शामिल किया जा रहा है। आवेदक पीईबी की इसी परीक्षा पद्धति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है, जब पीएससी और यूपीएससी तक में सामान्य ज्ञान प्रमुखता से पूछा जाता है तो पीईबी अंग्रेजी और गणित पर ही क्यों अटका है। उसे भी अपना परीक्षा पैटर्न बदलकर अंग्रेजी, गणित के बजाय सामान्य ज्ञान के प्रश्नों की संख्या बढ़ाना चाहिए। आवेदकों ने इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को ज्ञापन देकर परीक्षा पैटर्न में बदलाव की मांग की है।
मप्र पर आधारित जीएस जोड़ें
अभ्यर्थी दिनेश रघुवंशी, मनीष पाटीदार एवं देशराज शर्मा का कहना है कि पीएससी और यूपीएससी की परीक्षाओं में सिर्फ सामान्य ज्ञान पूछा जा रहा है। सी-सेट में ही गणित और अंग्रेजी के सवाल होते हैं। इसके अंक मैरिट में नहीं जुड़ रहे हैं। सी-सेट में सिर्फ क्वालिफाई करना होता है। पीईबी तृतीय श्रेणी की परीक्षाओं में न केवल अंग्रेजी-गणित पूछ रहा है, बल्कि दोनों विषयों के अंक मेरिट में भी जुड़ रहे हैं। हिंदी मीडियम के आवेदक इनमें पिछड़ रहे हैं। इनकी जगह मप्र पर आधारित सामान्य ज्ञान पूछा जाना चाहिए। इससे प्रतियोगिता का स्तर बराबर हो जाएगा। हिंदी वाले भी अच्छा स्कोर कर सकेंगे। 
विभाग तय करता है सिलेबस
सारी परीक्षाओं का सिलेबस संबंधित विभाग ही तय करता है। हर नौकरी में शैक्षणिक योग्यता के अनुसार ही प्रश्न पूछे जाते हैं। जिस वर्ग का जैसा सिलेबस होता है, उसी के हिसाब से प्रश्न होते हैं। अंग्रेजी-गणित के प्रश्नों का निर्धारण भी सिलेबस से ही होता है। इन्हें मेरिट से हटाने या इनकी जगह मप्र पर आधारित सामान्य ज्ञान पूछने के बारे में शासन स्तर पर ही फैसला हो सकता है। फिर भी आवेदकों की शिकायत पर विचार किया जाएगा। 
केएस भदौरिया, परीक्षा नियंत्रक, पीईबी