नई दिल्ली। ये कोई पॉलिटिकल स्टेटमेंट नहीं बल्कि ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज स्टडी का नतीजा है कि भारत की स्वास्थ्य सेवाएं घटिया दर्जे की हैं। यह भारत के पड़ौसी देश चीन समेत बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका जैसे देशों से भी खराब हैं। बता दें कि बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका ऐसे देश हैं जो भारत से मिलने वाली मदद पर अपना विकास करते हैं।
मेडिकल जर्नल द लैनसेट में प्रकाशित ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज स्टडी के अंतर्गत कुल 195 देशों का अध्ययन किया गया जिसमें से भारत का नाम 154वें स्थान पर दर्ज है। हां इस बात से संतोष किया जा सकता है कि 2015 की रिपोर्ट 1990 की तुलना में कुछ अच्छी है। दुनिया में सबसे अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं स्विट्जरलैंड में पाई गईं। जबकि उसके बाद स्वीडन और नार्वे का स्थान आता है।
बता दें कि भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 1947 से लेकर अब तक की सभी सरकारें अपनी वचनबद्धता दोहराती रहीं हैं परंतु हकीकत इसके उलट है। सरकारें मेडिकल माफिया के चंगुल में फंस जातीं हैं। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं घटिया बनाए रखने के लिए शीर्ष नौकरशाहों एवं मंत्रियों को महंगे तोहफे मिलते हैं। सरकारें मेडिकल माफिया द्वारा भेजे गए मिठाई के डिब्बे स्वीकारती हैं या नहीं, इसका जवाब जानने के लिए ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज स्टडी का नतीजा सबसे मजबूत प्रमाण है।