भोपाल। केंद्र सरकार में तीन साल पूरे करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कामकाजी महिलाओं को बड़ा लाभ दे सकते हैं। मंत्री समूह ने नई राष्ट्रीय महिला नीति का मसौदा तैयार कर केंद्र सरकार को सौंप दिया है। इसमें महिलाओं को इनकम टैक्स राहत देना भी प्रस्तावित है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने महिलाओं के लिए यह नीति बनाई है। मनमोहन सरकार ने महिलाओं को आयकर में 50 हजार रु. की अतिरिक्त छूट दी थी लेकिन यूपीए सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में इस सुविधा को वापस ले लिया था।
मंत्री समूह ने गर्भवती महिलाओं को कैशलेस मेडिकल सेवा उपलब्ध कराने के लिए हेल्थ कार्ड बनाने की भी सिफारिश की है। सरकारी नौकरी में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाना भी प्रस्तावित है। नई नीति की औपचारिक घोषणा कैबिनेट की मंजूरी के बाद हो सकती है।
मंत्री समूह ने की ये सिफारिशें
महिला उद्यमियों को स्टार्टअप के लिए कर राहत देने पर।
कैपिटल इन्वेस्टमेंट सपोर्ट, बिजनेस डेवलपमेंट फंड्स और कम दरों में लोन की सुविधा देना।
विधवा और बुजुर्ग महिलाओं को सुविधाएं देने पर।
सेनेटरी नैपकिन पर भी टैक्स खत्म किया जाए।
महिलाओं के लिए अधिक सार्वजनिक शौचालय बनाने पर जोर।
वर्किंग वुमन की संख्या 50% करने पर जोर
मोदी सरकार चाहती है कि नई नीति के बल पर कामकाजी महिलाओं की संख्या वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 50% हो जाए। इसके लिए प्रतियोगी या प्रवेश परीक्षाओं में महिलाओं को मुफ्त रजिस्ट्रेशन, मुफ्त कोचिंग और कामकाजी शहरों में और अधिक हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है।
मुफ्त मिलेगी कानूनी सहायता और चिकित्सा
यौन हिंसा की शिकार महिलाओं को मुफ्त चिकित्सा, कानूनी सहायता दिए जाने, आश्रय देने और उनकी काउंसलिंग किए जाने की सिफारिश।