नई दिल्ली। यदि किसी महिला को बलपूर्वक या मजबूरी का लाभ उठाते हुए इस धंधे में नहीं लाया गया है और वह अपनी मर्जी से इसमें शामिल है तो वेश्यावृति अपराध नहीं है। यह बात गुजरात हाईकोर्ट ने कही है। शुक्रवार को विनोद पटेल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्कर अपनी मर्जी से और बगैर किसी जबरदस्ती के वेश्यावृत्ति में शामिल है तो यह कोई अपराध नहीं है और उन पर कोई मामला नहीं बनता है।
दरअसल, गुजरात पुलिस ने सूरत में एक सेक्स गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इसमें पुलिस ने 5 सेक्स वर्कर और एक विनोद पटेल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। पटेल का कहना है कि किसी पीड़ित की इच्छा के खिलाफ देह व्यापार में किसी व्यक्ति के शोषण में शामिल नहीं था। फिर पुलिस ने पटेल पर आईपीसी की धारा 370 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद पटेल हाईकोर्ट में गुहार लगाई और उसने याचिका में बताया कि वह किसी सेक्स वर्कर या पीड़ित के साथ नहीं पकड़ा गया बल्कि वह अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। इसके बाद कोर्ट ने पटेल पर लगे सभी आरोपों खारिज करते हुए कहा कि वह रैकेट का हिस्सा नहीं था।