लखनऊ। कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की संदिग्ध मौत के मामले की जांच सीबीआई करेगी। यूपी की योगी सरकार ने यह मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया गया है। शासन ने अनुराग तिवारी केस को सीबीआई भेजने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जल्द ही केंद्र से सिफारिश की जाएगी। इससे पहले एसआईटी टीम के 72 घंटे बाद भी खाली रहने के बाद सोमवार को अनुराग तिवारी के भाई मयंक ने एसएसपी दीपक कुमार को तहरीर दी। जिसके बाद एसएसपी के आदेश पर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया।
बहराइच के रहने वाले आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी के भाई तथा भाभी के साथ परिवार के दो अन्य लोग सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। वहीं सीएम योगी ने कहा कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होगी। मामले में अनुराग के घर के लोगों का आरोप है कि उनके ऊपर कर्नाटक में बड़ा घोटाला न खोलने का बड़ा दबाव बनाया जा रहा था। कर्नाटक के भ्रष्टाचार के अनुराग तिवारी उठाना चाह रहे थे। मृतक आईएएस अनुराग के भाई मयंक तिवारी का कहना है कि कर्नाटक से लेकर यूपी तक के बड़े बड़े अधिकारी इस मामले में शामिल हैं।
आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की जांच करते हुए एसआईटी की टीम को 72 घंटे भी पूरे हो गए। इसके बाद भी मामला जस का तस है। टीम किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। बीते शुक्रवार को अनुराग के भाई मयंक ने पीएम मोदी को मेल के जरिए सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। उसका आरोप है कि भाई की हत्या के सभी साक्ष्य हमारे पास हैं कर्नाटक सरकार में कई घोटाले की जांच की थी।