
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 साल के आशीष दहिया अपनी पत्नी प्रज्ञा और अपने कुछ दोस्तों के साथ फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट गए थे। सेलिब्रेशन के दौरान ही इन लोगों ने स्विमिंग करने का फैसला किया। घटना के वक्त मौके पर मौजूद एक शख्स ने जानकारी दी है कि एक महिला अधिकारी पैर फिसल जाने की वजह से स्विमिंग पुल में गिर गई। महिला अधिकारी को बचाने के लिए आशीष समेत वहां मौजूद कुछ लोगों ने पुल में छलांग लगाई। महिला अधिकारी को पुल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन आशीष पुल में ही रह गया।
कुछ देर बाद आशीष को बाहर निकाला गया और बाहर निकालने के बाद उसे दिखाने के लिए मेडिकल डॉक्टर प्रम्येश बसाल को बुलाया गया। आशीष को हॉस्पिटल ले जाने से पहले सीपीआर देने की कोशिश भी की गई। रात के करीब एक बजे हॉस्पिटल में आशीष को मृत घोषित कर दिया गया।
आशीष दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत शहर के रहने वाले थे। आशीष के परिवार वालों का आरोप है कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है और इस मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर वहां मौजूद सबूतों को इकट्ठा कर लिया है। आशीष दहिया 2015 में हिमाचल पुलिस में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पद पर तैनात थे। इसके बाद उन्होंने आईएएस का एग्जाम पास किया और फिर इंडियन फोरेन सर्विस को चुना।
अच्छा तैराक था फिर स्वीपिंग पुल में कैसे डूबा
जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस अफसर आशीष दहिया की स्विमिंग पूल में डुबने से हुई संदिग्ध मौत ने उनके परिजनों, दोस्तों और विभाग के लोगों का दिल झकझोर दिया है. किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा है कि एक गोल्ड मेडलिस्ट अचानक कैसे काल के गाल में समा हो गया। फेसबुक पर उनके दोस्त उनकी मौत पर हैरानी जता रहे हैं।
आशीष दहिया के साथ काम कर चुके उनके एक सहकर्मी योगेश्वर दत्त ने लिखा है, 'हमारे बीच एक सम्मानित आईएएस अधिकारी नहीं रहे। उनका जाना हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग, आईआरएस विभाग और प्रशासनिक सेवा के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। उनकी मौत पर हैरानी हो रही है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें. जय हिंद सर।'
उनके एक परिजन ने बताया कि आशीष ने पुलिस अफसर और आईआरएस अफसर की ट्रेनिंग ली है। वह बहुत अच्छे तैराक थे। ऐसे में ये समझ से परे है कि 10 फीट गहरे स्विमिंग पूल में डुबने से उनकी मौत कैसे हो गई। वह महिला अफसर कौन थी। किन परिस्थितियों में कूदी। पूरा मामला संदिग्ध है। इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।
गोल्ड मेडल मिलने पर जताई खुशी
15 मई को ही आशीष दहिया ने गोल्ड मेडल मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था, 'इस गोल्ड मेडल को मैं अपने सभी दोस्तों को समर्पित करता हूं। जिन्होंने मेरी परीक्षा के दौरान नोट्स तैयार करने और पढाई में मदद की है। मेरी पत्नी प्रज्ञा दीक्षित और मेरे दोस्त जब भी मेरे साथ होते हैं मेरे जीवन में अच्छा होता है।'
ऐसे पास की सिविल सर्विस परीक्षा
ट्रेनी अफसर आशीष दहिया आईएएस बनने से पहले साल 2013 में हिमाचल प्रदेश पुलिस सर्विस में चुने गए थे. इसके बाद उनका सिलेक्शन भारतीय राजस्व सेवा में हो गया था, जिसके बाद वो हैदराबाद चले गए. लेकिन मन में आईएएस अधिकारी बनने की तमन्ना पाले आशीष ने साल 2016 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर ली थी.
जनता के बीच लोकप्रिय थे आशीष
15 जनवरी 1986 को हरियाणा के सोनीपत के खारखोडा में पैदा हुए आशीष दहिया ने NIT कुरुक्षेत्र से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की थी. पढाई में शुरू से ही तेज दिमाग रहे आशीष को एडवंचर बहुत पसंद था. वह मौका मिलते ही अपने दोस्तों के साथ प्रकृति की गोद में चले जाते थे. पर्वता रोहण उनका शौक था. लोगों के बीच में लोकप्रिय थे.