नई दिल्ली। कश्मीर में रह रहे मुस्लिम परिवार अब आतंकियों के चंगुल में हैं। वो कश्मीर की आजादी के लिए नहीं बल्कि आतंकियों की दहशत के कारण भारत का विरोध करते हैं। यदि कोई आतंकियों की धमकियों को नजरअंदाज कर भारत का साथ देता है तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है। 6 माह पहले इंडियन आर्मी को बतौर लेफ्टिनेंट ज्वाइन करने वाले कश्मीरी युवा उमर फैयाज को आतंकियों ने उस समय किडनैप कर लिया जब वो एक पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। आतंकियों ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को गोलियों से छलनी कर दिया।
इससे पहले एक आतंकी की शवयात्रा में कुछ आतंकियों ने आकर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। शुरूआती खबर में कहा गया था कि उन्होंने मारे गए आतंकी को सलामी दी है लेकिन बाद में खबर आई कि उन्होंने दहशत फैलाने के लिए ऐसा किया ताकि मृतक के परिजन व रिश्तेदार आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत ना कर सकें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लेफ्टिनेंट उमर फैयाज कुलगाम के रहने वाले थे। उनकी बॉडी शोपियां जिले के हरमन चौक पर पाई गई। आर्मी सोर्सेज के मुताबिक उन्होंने 6 महीने पहले ही आर्मी ज्वाइन की थी। पुलिस के मुताबिक इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। आर्मी के एक ऑफिशियल ने कहा कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किन हालात में अफसर की मौत हुई।
5-6 आतंकियों ने किया था अगवा
एक पुलिस ऑफिशियल ने बताया, "उमर फैयाज छुट्टी पर थे और अपने मामा की बेटी की शादी में शिरकत करने गए थे, जहां से उन्हें रात 10 बजे 5-6 आतंकियों ने अगवा कर लिया। आर्मी अफसर की हत्या की आलोचना करते हुए मिनिस्टर ऑफ स्टेट (होम) हंसराज अहीर ने कहा, "देखते हैं जांच में क्या आता है, उसके बाद ही सही जवाब दे सकूंगा।
हॉकी प्लेयर भी थे उमर फैयाज
उमर फैयाज जम्मू के अखनूर में तैनात थे। उनके पिता एक किसान थे, कुछ वक्त तक उन्होंने बिजनेस भी किया था। उमर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) के कैडेट भी रहे थे। वे सितंबर में यंग ऑफिसर्स कोर्स करने वाले थे। एनडीए में वे हॉकी टीम के कप्तान भी थे।