लखनऊ। वीआईपी कल्चर खत्म करने के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वाहनों से बत्तियां उतरवा दीं। किसी ने इसका विरोध भी नहीं किया परंतु अब मैदानी अफसरों ने एक नए तरह की हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने रात में काम लगभग बंद कर दिया है। उनका कहना है कि रात में निरीक्षण या छापामारी के दौरान यदि वाहन पर बत्ती ना हो तो खतरा बढ़ जाता है।
पहला मामला पिपरिया कला से आ रहा है। ग्रामीणों ने रात में हो रहे अवैध उत्खनन की शिकायत तहसीलदार से करते हुए दबिश देने की मांग की है। इस पर तहसीलदार ने ग्रामीणों को साफ शब्दों में कह दिया रात के समय वह निरीक्षण नहीं कर सकते हैं, क्योंकि अब उनकी गाड़ी में बत्ती नहीं है। तहसीलदार की बात सुनकर ग्रामीण सन्न हो गए।
पिपारिया कला के वासुदेव पाठक, शैलेन्द्र दुबे ने तहसीलदार को शिकायत में बताया कि पिपारिया कला डीपीसी स्कूल के समीप रात के समय मशीनों से अवैध मुरम की खुदाई की जा रही है। देर रात तक अवैध उत्खनन होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शैलेन्द्र दुबे का कहना था कि अवैध उत्खनन की शिकायत 100 डायल से लेकर माइनिंग विभाग को दूरभाष में अनेक बार की गई, लेकिन फिर भी अवैध उत्खनन बंद नहीं हुआ। संबंधित विभाग के अधिकारियों ने शिकायत पर कोई कार्रवाई ही नहीं की।
... तो कौन करेगा कार्रवाई
शैलेन्द्र दुबे का कहना है कि तहसीलदार, पुलिस और माइनिंग विभाग को शिकायत करने के बावजूद अवैध उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई, अब माफिया पर कौन कार्रवाई करेगा जब संबंधित विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।