
बेरोजगारी में वृद्धि
भाजपा ने वर्ष 2014 के आम चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में कहा था, “ कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार बीते 10 वर्षो के दौरान कोई रोजगार पैदा नहीं कर सकी, जिससे देश का विकास बुरी तरह बाधित हुआ है। बीजेपी यदि सत्ता में आई तो व्यापक स्तर पर आर्थिक सुधार करेगी और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने और नवउद्यमियों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी”
प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचार करते हुए नरेंद्र मोदी ने तब कहा था कि भाजपा 1 करोड़ नौकरियों के लिए अवसर पैदा करेगी। मोदी ने कहा था, “यदि भाजपा सत्ता में आई तो एक करोड़ बेरोजगारों को नौकरी दी जाएगी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने नौकरियों के बारे में पिछले लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा तो की थी, लेकिन कर नहीं पाई। ” जैसा कि एक समाचार पत्र डीएनए ने नवंबर 2013 की रिपोर्ट में मोदी को उद्धृत किया है। लेकिन श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि “रोजगार वृद्धि सुस्त रही है।”
श्रम मंत्रालय द्वारा पांचवे वार्षिक रोजगार-बेरोजगार सर्वेक्षण (2015-16) की रपट में कहा गया है कि सामान्य प्रिंसिपल स्टेटस के आधार पर बेरोजगारी दर पांच फीसदी रही। सामान्य प्रिंसिपल स्टेटस के अनुसार, सर्वेक्षण से पूर्व के 365 दिनों में 183 या उससे अधिक दिन काम करने वाले लोगों को बेरोजगार नहीं माना जाता। इस सर्वेक्षण में औपचारिक एवं अनौपचारिक अर्थव्यवस्था दोनों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सार्वजनिक रोजगार कार्यक्रमों के तहत काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों को भी शामिल किया गया।