भोपाल। मप्र शासन ने पुलिस भर्ती में होमगार्ड जवानों के लिए आरक्षित 15% पदों को बढ़ाकर 30% कर दिया है। पहली लाइन में तो यह फैसला न्यायोचित लगता है परंतु जमीनी हकीकत यह है कि 90 प्रतिशत होमगार्ड जवान ओवरएज हो चुके हैं। अत: पुलिस भर्ती के दौरान 15% आरक्षित सीटें ही नहीं भर पातीं। ऐसे में सवाल यह है कि जब मांग ही नहीं है तो सप्लाई क्यों की गई। यह फैसला इत्तेफाक़ है या कोई साजिश। कुछ ऐसा ताकि व्यापमं का खुलासा करने वाले विशेषज्ञ भी ना पकड़ सकें। यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि फैसले से पहले पुलिस ने अवगत करा दिया था कि होमगार्ड के पास इतने सैनिक ही नहीं हैं कि वो अप्लाई कर आरक्षण का लाभ ले सकें। सूत्र यह भी बताते हैं कि पुलिस की रिपोर्ट के बाद होमगार्ड को दिया गया 15% आरक्षण कम करने पर बात चल रही थी, लेकिन फिर अचानक फैसला बदल दिया और इसे घटाने के बजाए दोगुना कर दिया गया।
पिछली बार 2142 पद रिर्जन थे, 353 भरे गए
पिछले साल हुई पुलिस आरक्षक भर्ती में भी होमगार्ड ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। आलम यह था कि सिर्फ 353 होमगार्ड के जवान चयनित हुए। जबकि उनके लिए 15% आरक्षण होने के बाद 2142 पद रिजर्व थे। अमूमन यही स्थिति एक्स सर्विस मैन की भी थी। दस प्रतिशत आरक्षण मिलने और 1428 पद रिजर्व होने के बाद भी करीब 30 पूर्व सैनिक ही आगे आए।
95 फीसदी 40 के पार
समस्या यह है कि होमगार्ड में जवान निर्धारित आयुसीमा वाले नहीं बचे हैं। होमगार्ड के मौजूदा जवानों में 95 फीसदी 40 की उम्र पार कर चुके हैं। ज्ञात हो कि 16305 होमगार्ड सैनिकों के पद होने के बावजूद 15800 सैनिक ही उपलब्ध हैं। इनमें 505 मुखबिर भी होमगार्ड के पास हैं।
अच्छे आवेदकों को अवसर ही नहीं मिल पाता
होमगार्ड व सेना के पूर्व कर्मियों के सामने नहीं आने से फिजिकल परीक्षा में प्रतिभागियों की संख्या कम हो जाती है, जिससे पुलिस को भी अच्छे जवान मिलने की संभावना कम हो जाती है। जबकि अच्छे आवेदन भर्ती से वंचित हो जाते हैं। पिछले बार भी 14283 पदों के लिए पुलिस ने 75000 लोगों को फिटनेस के लिए बुलाया था, जिनमें से 54813 ही आए है। जबकि 20000 से ज्यादा अकेले होमगार्ड व सेना के पूर्व सैनिकों के आने की उम्मीद थी, पर वे नहीं आए।
किसी काम का नहीं ऐसा आरक्षण
पूर्व आईपीएस अधिकारी एनके त्रिपाठी कहते हैं कि होमगार्ड के आरक्षकों को भर्ती में 30 प्रतिशत आरक्षण देना गलत नहीं है, लेकिन यह भी देखना होगा कि सरकार ने ऐसा कोई सर्वे किया है कि इतना आरक्षण देने के बाद जवान मिल पाएंगे। यदि पहले से जवान नहीं मिल रहे हैं तो यह किसी काम का नहीं है। बेहतर होता कि आरक्षण उतना ही रखा जाता, जिससे अन्य युवाओं को मौका मिलता।
पुलिस भर्ती में गैरआरक्षित पद सिर्फ 27%
पुलिस भर्ती में आरक्षण का प्रतिशत इतना ज्यादा बढ़ गया है कि अब नई उम्र के युवाओं के लिए सिर्फ 27 फीसदी सीटें ही बची हैं। इसमें भी अनुसुचित जाति एवं जनजाति के लिए होरीजेंटल आरक्षण मिलेगा।
इस साल लागू करेंगे
शासन ने होमगार्ड सैनिकों का आरक्षण 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। इस साल होने वाली भर्ती में इसे लागू किया जाएगा। यह बात और है कि 15 प्रतिशत आरक्षण में ही पुलिस भर्ती में होमगार्ड के जवान नहीं मिल पा रहे थे।
धमेंद्र छाबई, आईजी, पुलिस चयन व भर्ती