पवन वर्मा/भोपाल। सिंहस्थ में दिन रात एक कर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता और चाकचौबंद करने वाले करीब आठ हजार पुलिसकर्मियों आज भी खाली हाथ है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह ऐलान किया था कि सिंहस्थ में सेवाएं देने वाले पुलिसकर्मियों और नगर सैनिकों को नकद पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा वित्त विभाग की कैंची लगने के कारण आज तक पूरी नहीं हो सकी है। अभी भी पुलिसकर्मियों को यह नकद पुरस्कार देने के लिए चार करोड़ रुपए की कमी आ गई है। जबकि पुलिस मुख्यालय ने पहले ही पूरा हिसाब लगाकर बजट मांगा था, लेकिन उसे पूरा बजट नहीं दिया गया।
चार माह तक रहे थे तैनात
सिंहस्थ में ड्यूटी करने वाले सिपाही से लेकर निरीक्षक स्तर तक के अफसरों को पांच-पांच हजार रुपए का नकद पुरस्कार देने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी। प्रदेश में करीब 24 हजार पुलिसकर्मी उज्जैन में करीब चार महीने तक तैनात रहे थे। इन सब को यह नकद पुरस्कार दिया जाना था। इसके लिए पुलिस मुख्यायल ने हिसाब लगाकर वर्ष 2016 में ही शासन को 11 करोड़ रुपए दिए जाने का प्रस्ताव भेजा था। पुलिस मुख्यालय के इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने कैंची चला दी और शासन से उसे 11 करोड़ की ऐवज में महज सात करोड़ रुपए ही मिले। यह राशि मार्च तक करीब 16 हजार पुलिसकर्मियों के बैंक खाते में जमा कर दी गई। अब यह राशि खत्म हो गई और इस पुरस्कार के लिए करीब आठ हजार जवान फिलहाल वंचित हो गए। यानि सिंहस्थ के एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस जवानों को नकद पुरस्कार नहीं मिल सका है।
हर विंग को दिए थे अलग-अलग
पुलिस मुख्यालय ने सात करोड़ रुपए हर विंग को अलग-अलग दिए हैं। मुख्यालय ने एसएएफ के जवानों को पुरस्कार देने के लिए उनकी शाखा को यह पूरी राशि एक मुश्त भेज दी थी। इसी तरह इंटेलीजेंस, जिला पुलिस, रेडिया शाखा को यह राशि एक मुश्त भेजी गई थी।
फिर से शुरू किए प्रयास
सूत्रों की मानी जाए तो पुलिस मुख्यालय ने मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी करने के लिए फिर से प्रयास शुरू कर दिए हैं। मुख्यालय ने नए वित्त वर्ष में शासन को एक प्रस्ताव भेजा है। जिसमें उसने करीब आठ हजार पुलिस जवानों को पांच-पांच हजार रुपए का पुरस्कार देने के लिए चार करोड़ रुपए की मांग शासन से की है।
मुख्यमंत्री की घोषणा के चलते पुलिस मुख्यालय इस राशि को जल्द से जल्द जवानों के खातों में पहुंचाना चाहता है। इसलिए इस प्रस्ताव पर पुलिस मुख्यालय के अफसर खासे गंभीर है। इस संबंध में गृह और वित्त विभाग के अफसरों से पुलिस मुख्यालय के अफसरों की बातचीत चल रही है। यह राशि जब तक नहीं मिलेगी तक तक आठ हजार जवानों को सिंहस्थ में बेहतर ड्यूटी करने के लिए नकद पुरस्कार नहीं मिल सकेगा।