झाबुआ। यहां एक दंपत्ति ने अपनी नवजात बेटी की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि डॉक्टरों ने उन्हे बता दिया था कि उनकी बेटी 'ओमफेलोसेल' से पीड़ित है और उसका बचना मुश्किल है। निराश माता-पिता ने बेटी का गला काटा और उसके शव को जंगल में फेंक दिया। यह घटना मेघनगर के बेड़ावली गांव में हुई। पुलिस ने मासूम बच्ची के हत्यारे माता पिता की निशानदेही पर जंगल से शव बरामद कर लिया है। पति-पत्नी के खिलाफ हत्या का प्रकरण भी दर्ज किया गया है।
बेडावली निवासी टिटू मावी की पत्नी मनीषा की नवजात बेटी की नाभी के नीचे एक छेद था, उसमें से आंत बाहर आ रही थी। इससे पति-पत्नी परेशान थे। रात में दोनों पति-पत्नी बिना किसी को बताए अस्पताल से चले गए और बेटी का गला काटकर उसे फुलेडी के जंगल में फेंक आए।
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. जितेंद्र बामनिया ने बताया कि कई बार बच्चे की एबडॉमिनल वॉल विकसित नहीं होने के कारण आंत पेट के बाहर आ जाती है। इसे ओमफेलोसेल कहते है। ऐसे केस में बच्चे के बचने की संभावना काफी कम रहती है। दंपति के मन में अंधविश्वास था कि उनकी बेटी परिवार के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इसलिए उसकी हत्या कर दी। दोनों को हिरासत में ले लिया है।