
मप्र शासन की ओर से जारी प्रेस बयान में लिखा है कि पेट्रोल पम्प में तकनीकी गड़बड़ी नहीं हो सके इसके लिये की जाने वाली जाँच की प्रक्रिया तय की जा रही है। जाँच प्रक्रिया तय करने का निर्णय खाद्य, नागरिक उपभोक्ता संरक्षण आयुक्त श्री विवेक पोरवाल की अध्यक्षता में खाद्य संचालनालय में बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। बैठक में तीनों आईल कम्पनी, नापतौल और खाद्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
बता दें कि बीते रोज उत्तरप्रदेश में छापामार कार्रवाई के दौरान पेट्रोल पंपों पर तकनीकी छेड़छाड़ के मामले सामने आए थे जो ग्राहकों को सीधे नुक्सान पहुंचाने वाले थे। इस मामले के खुलासे के बाद देश भर के पेट्रोल पंप शक के दायरे में आ गए। पिछले दिनों इंदौर के खाद्य विभाग ने भी जांच अभियान चलाया। तीन दिन चले इस अभियान में खाद्य विभाग ने एक भी पंप में कोई खामी नहीं पकड़ पाई। इसी को लेकर भोपाल समाचार ने आज आपत्ति उठाई थी। भोपाल समाचार की पोस्ट 'खाद्य विभाग ने INDORE के सभी पेट्रोल पंपों को क्लीनचिट दे दी' सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई और खाद्य विभाग के अधिकारियों पर लोगों ने घूसखोरी के आरोप लगाए। अब कमिश्नर पोरवाल ने विशेष दल गठित किया है। देखते हैं, यह दल मप्र में क्या कुछ नया कर पाता है।