SAMDARIYA MALL: हाईकोर्ट ने सरकार से कहा, जल्दी फैसला करें

Bhopal Samachar
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने समदड़िया मॉल सिविक सेंटर जबलपुर के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए अंतिम निर्णय लेने कहा है। निर्धारित समय-सीमा में ऐसा न किए जाने की सूरत प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण और जेडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहना होगा। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। 

इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट सुशील कुमार मिश्रा की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि समदड़िया मॉल को लेकर जबलपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ अवध श्रोत्रिय ने जो रिपोर्ट दी थी, उसके मुताबिक ठोस कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए।

हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद अपने आदेश में साफ किया कि 9 मई को समदड़िया मॉल मामले की सरकार के समक्ष पेशी निर्धारित है। इसके बाद 3 सप्ताह के भीतर सरकार अंतिम निर्णय ले। वहीं जेडीए चार सप्ताह के भीतर हर हाल में नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अधिकारियों को हाजिर होकर जवाब देना होगा।

क्या थी सीईओ अवध श्रोत्रिय की रिपोर्ट
बीच शहर में बने 7 मंजिला समदड़िया मॉल की लीज निरस्त कर दी गई थी। जबलपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ अवध श्रोत्रिय ने इसके आदेश जारी कर दिए थे। दूसरे दिन अध्यक्ष का अनुमोदन हो पाता इससे पहले ही सीईओ का तबादला हो गया। जबलपुर विकास प्राधिकरण की स्कीम नंबर 18 में 39 हजार 780 वर्गफीट की जमीन पर बने समदड़िया मॉल की जांच जेडीए ने की थी। प्रमोटर स्कीम के तहत यह कामर्शियल काम्प्लेक्स बनाने के लिए 2008 में दी गई जमीन लीज पर दी गई थी।

हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई जांच के बाद लीज आवंटन के मामले में तत्कालीन अधिकारियों को भी दोषी पाया गया। 20 जनवरी को सीईओ ने कार्रवाई की। 21 जनवरी गुरुवार को लीज निरस्त करने की फाइल जेडीए अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा के सामने जानी थी ताकि पजेशन लेने की कार्रवाई की जा सके लेकिन इसी दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नगरागमन हुआ और शासन ने जेडीए सीईओ का तबादला आदेश जारी कर दिया।

हाईकोर्ट ने दिए थे निर्देश
सुशील मिश्रा ने 2015 में समदड़िया मॉल के लीज आवंटन को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 17 जून 2015 को निर्देश दिए थे कि यदि याचिकाकर्ता 2 सप्ताह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है तो संबंधित (समदड़िया मॉल संचालक) को सुनवाई का मौका देते हुए जेडीए द्वारा परीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाए।

रिटायर्मेंट के 71 दिन पहले तबादला
जेडीए के सीईओ अवध श्रोत्रिय की सेवानिवृत्ति में महज 71 दिन शेष थे। शासन का नियम है कि सेवानिवृत्ति में यदि एक साल बचा हो तो तबादला सामान्य प्रशासन विभाग नहीं करता। यदि करता भी है तो उसी मुख्यालय में उसे दूसरी पदस्थापना या प्रभार दे दिया जाता है। इस मामले में इस नियम का पालन नहीं हुआ।

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