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इस आदेश में यह कहा गया है कि एक साल के लिए अथवा जब तक नई समिति का निर्वाचन नहीं होता, तब तक के लिए प्रशासन नियुक्त किया जाता है। एसएटीआई में करीब 9 महीनों से उठापटक चल रही है। सिंधिया के कभी बहुत करीबीयों में शुमार रहे पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा ने ही उनके खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने 11 जनवरी को इस समिति के चुनाव करवाकर तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी को चेयरमेन बना दिया था।
यह था पहला हमला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा कार्यसमिति में ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोला था। इसमें उन्होंने सिंधिया को स्वार्थी तक बोल दिया था। उन्होंने आरोप लगाए थे कि सिंधिया के ट्रस्ट ने लोगों की जमीनों पर बाउंड्री वाल बना ली है। उधर इस मामले में दो साल पहले राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में सिंधिया के खिलाफ शिकायत हुई थी, लेकिन मामला ग्वालियर शाखा को देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा सिंधिया पर लगाए गए तीखे आरोपों के बाद ईओडब्ल्यू ने भी अपनी जांच फिर से शुरू कर दी है। इस मामले में फरियादी को बयान के लिए बुलाया गया है।