लखनऊ। यूपी में बेसिक शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी जल्द ही आने वाली है। प्रदेश के 5.85 लाख बेसिक टीचर्स इसके दायरे में आएंगे। बताया जा रहा है कि इस बार न सिर्फ सभी आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे, बल्कि प्रत्येक शिक्षक को भारांक भी दिए जाएंगे। इसके लिए अधिकतम 50 अंक निर्धारित किए गए हैं।पत्रकार अजीत बिसारिया की रिपोर्ट के अनुसार निशक्तता, असाध्य रोग, महिला और सेवाकाल के आधार पर भारांक तय होगा। नई प्रस्तावित नीति पर उच्चस्तर पर सहमति बन चुकी है और सिर्फ इसके जारी होने की औपचारिकता ही बची है। प्रदेश के 1.58 लाख स्कूलों में 5 लाख 85 हजार 232 शिक्षक पढ़ा रहे हैं। योगी सरकार उनके लिए नई स्थानांतरण नीति लाने जा रही है। इस बार निशक्तता और असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों के अलावा उन्हें भी स्थानांतरण में तरजीह दी जाएगी, जो लंबे समय से एक ही स्थान पर पढ़ा रहे हैं और दूसरी जगह जाने के लिए आवेदन किया है।
सूत्रों के मुताबिक, नई स्थानांतरण नीति में अधिकतम 50 भारांक तय किए गए हैं। भारांक के लिए निशक्तता, असाध्य रोग, महिला, सेवाकाल की अवधि, पति-पत्नी के एक ही ब्लॉक में पढ़ाने की इच्छा रखने आदि बिंदु तय किए गए हैं। अपेक्षाकृत ज्यादा भारांक पाने वाले शिक्षक वरीयता सूची में ऊपर होंगे।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जून के प्रथम सप्ताह में शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। अंतिम सप्ताह तक सभी आवेदनों पर निर्णय ले लिया जाएगा।
जिन शिक्षकों को नई स्थानांतरण नीति का लाभ मिलेगा, उन्हें हर हाल में पहली जुलाई को नई तैनाती स्थल पर जॉइनिंग करनी होगी। जॉइनिंग में देरी होने पर स्थानांतरण रद्द माना जाएगा। किसी भी शिक्षक का आवेदन रद्द होने पर वेबसाइट पर इसकी वजह का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा।
मामले पर बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का कहना है कि हम अधिकतम अगले 3-4 दिन में शिक्षकों के लिए नई स्थानांतरण नीति लाने जा रहे हैं। जून में हर हाल में स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, ताकि ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल खुलने पर बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित न हो।