VYAPAM SCAM: शिवराज को फंसाने के लिए दिग्विजय सिंह ने जाली दस्तावेज बनाए | CBI @SC

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह के दिन आजकल ठीक नहीं चल रहे हैं। 2 राज्यों का प्रभार छीन लिए जाने के बाद अब सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि व्यापमं घोटाले के संदर्भ में दिग्विजय सिंह एवं कुछ अन्य लोगों ने मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फंसाने के लिए जाली दस्तावेज पर आधारित अभियान चलाया था। सीबीआई ने यह भी कहा कि वो दिग्विजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। 

दिग्विजय सिंह ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर कांग्रेस के टॉप वकील और नेताओं ने जिरह की थी। मांग की गई कि दस्तावेज की फरेंसिक जांच हो। इनमें व्यापमं से संबंधित एमपी प्रफेशनल बोर्ड के दफ्तर से बरामद एक हार्ड डिस्क भी शामिल थी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि जब्त किए गए कागजात और अन्य मटीरियल को जांच के लिए सेंट्रल फरेंसिक लैब हैदराबाद भेजा गया है और रिपोर्ट में किसी तरह की छेड़छाड़ न होने की बात कही गई है। 

व्यापम केस में विसिल ब्लोअर प्रशांत पांडेय की ओर से दाखिल याचिका के जवाब में बुधवार को सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। इसमें जांच एजेंसी ने कहा,"वर्तमान याचिकाकर्ता का आरोप है कि इंदौर पुलिस ने 18 जुलाई 2013 को जो कम्प्यूटर हार्ड डिस्क जब्त किए गए थे, उनमें से एक के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पांडे की याचिका में की गई दरख्वास्त और दिग्विजय सिंह की याचिका करीब-करीब एक जैसे हैं। सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने व्यापम केस और इससे जुड़े मौत के मामलों को सीबीआई को ट्रांसफर किया।

सीबीआई के मुताबिक, उसने दोनों हार्ड डिस्क और पांडे की ओर से उपलब्ध कराए गए पेन ड्राइव को हैदराबाद स्थित सेंट्रल फरेंसिक लैब जांच के लिए भेजा। सीबीआई ने कहा, 'सीबीआई की ओर से की गई जांच भी इस नतीजे पर पहुंची है कि हार्ड डिस्क के साथ छेड़छाड़ के आरोप झूठे हैं और इस तरह के आरोप लगाने वाले कुछ लोग पेन ड्राइव में झूठे डिजिटल रिकॉर्ड क्रिएट करने में और इसी के आधार पर झूठी शिकायत करने में लिप्त पाए गए।'

एजेंसी ने कहा, 'इस तरह के झूठे आरोप लगाने और फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए सीबीआई कानून के मुताबिक दोषियों के खिलाफ जरूरी कदम उठाएगी।' फरवरी 2015 में दिग्विजय सिंह ने एक ऐसी पेन ड्राइव अपने पास होने का दावा किया था, जिसमें कथित तौर पर शिवराज, उनकी पत्नी और व्यापम केस के कुछ आरोपियों के बीच भेजे गए संदेश होने की बात कही गई थी। 

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