भोपाल। मप्र के दतिया में स्थापित विश्व प्रसिद्ध पीताम्बरा पीठ का चमत्कार एक बार फिर सबके सामने है। यहां विराजमान मां बगुलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त कोई भी अधिकारी या नेता हमेशा सफलता के नए आसमान छूता है। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद भी 9 जून को यहां अनुष्ठान करने आए थे और ठीक 11वें दिन वो राष्ट्रपति पद के लिए घोषित हो गए। बता दें कि चीन युद्ध के समय यहां विशेष अनुष्ठान किया गया था एवं पूर्णाहुति से पूर्व युद्धविराम का ऐलान हो गया था। तब इंदिरा गांधी ने भी पीताम्बरा पीठ की महिमा को नमन किया था।
नौ जून को राज्यपाल कोविंद विशेष विमान से पटना से अचानक दतिया पहुंचे थे। यहां उन्होंने पीताम्बरा पीठ में अनुष्ठान कराया था। अगले ही दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी दतिया आए। उन्होंने भी यहां मां पीताम्बरा के दरबार में अनुष्ठान कराया। दतिया के हवाई अड्डे पर कलेक्टर मदन कुमार और एसपी इरशाद वली ने उनका अभिवादन किया था।
वे दतिया पीताम्बरा पीठ में करीब डेढ़ घंटे रूके थे। बताते हैं कि कोविंद के दतिया आने का कार्यक्रम अचानक बना। पहले से उनका आना तय नहीं था। एक दिन पहले ही प्रशासन के पास उनके आने की सूचना आई थी। बिहार के गवर्नर कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। दो बार राज्यसभा के सांसद रह चुके कोविंद का नाम भी गवर्नर के लिए अचानक तय हुआ था। कोविंद ने अपने जीवन में सिर्फ 2 चुनाव लड़े, दोनों हार गए।